मेनका गाँधी की जनसुलभता और सभी जातियों में स्वीकार्यता ही बनेगा जीत का आधार

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अवधनामा संवाददाता

जमीनी स्तर पर सक्रिय बीजेपी संगठन और सपा की आपसी अंतर्कलह ने मेनका गाँधी को किया और मजबूत।
(डा0अवधेश शुक्ला)

(सुल्तानपुर। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अपने वर्तमान सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को सुलातनपुर लोकसभा चुनाव में उतार कर दूसरी बार भी विश्वास जताया है। सपा ने सबसे पहले लोकसभा का टिकट भीम निषाद को देककर मैदान में उतारा। भीम निषाद ने सुल्तानपुर के चुनावी दौरे ने लोकसभा चुनाव को रोचक बना दिया था। लेकिन भीम निषाद के द्वारा पैसा बाटने का वीडियो वायरल होने, सपा के जनपदीय संगठन की आपसी अंतर्कलह के साथ सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय देते हुए हुए सुलतानपुर लोकसभा चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर रहे भीम निषाद का टिकट काटकर राम भुवाल निषाद को टिकट दे दिया। टिकट कटने पर भीम निषाद सपा सुप्रीमो अखिलेश के दरवाजे पर धरने पर बैठ गए थे। इनके टिकट कटने की बात को लेकर निषादों में सपा के प्रति काफ़ी आक्रोश आज भी है। भीम निषाद के समर्थकों का कहना है की भीम निषाद का टिकट काट के साथ सपा ने धोखा किया। दूसरी तरफ मेनका गांधी ने अपने नामांकन में निषादों के स्वीकार्य नेता और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, प्रभारी मंत्री आशीष पटेल और आर ए वर्मा के साथ नामांकन कर मतदाताओं को संदेश दिया कि निषाद और कुर्मी बिरादरी के लोग हमारे साथ हैं। वे सरकार में विभिन्न मंत्रियों के पद को भी सुशोभित कर सरकार चला रहे हैं। नामांकन के समय संजय निषाद ने कहा था की *सत्तर प्रतिशत हमारा है सिर्फ तीस प्रतिशत में बटवारा है।* वास्तविक धरातल पर निषाद मतदाता भी कह रहा है कि *”हमारी जाति के सर्वस्वीकार नेता संजय निषाद वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और सरकार चला रहे है। हमने प्रभु राम को जिस तरह गंगा नदी पार कराया है उसी तरह अबकी बार भाजपा को 400 पार कराकर ही चैन से बैठेंगे। भाजपा हमारी पार्टी है। हम सभी लोग एक साथ मां मेनका के साथ खड़े हैं।सांसद मेनका गांधी अपने तूफानी चुनावी दौरे के छत्तीसवें दिन तक 610 गाँवों में सभा कर जनता से संवाद किया। जनता में अपना विश्वास कायम कर उनकी समस्याओं का निःस्वार्थ भाव से समाधान कर रही हैं। मेनका गांधी की आम जनता से सीधा संवाद करना ही उनकी शक्ति है। मेनका गाँधी आज चुनावी दौरे में निकलने से पहले सुबह लगभग आठ बजे सैकड़ों पीड़ित की समस्या सुनकर उनका समाधान कर रही हैं।
दूसरी तरफ सपा पार्टी अपने जनपदीय संगठन के अंतर्कलह रूपी कील को जितना ठोकपीट कर सही करने का प्रयास करती है उतनी ही निकल कर सपा को चुभने लगती है। जैसे समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को धार देने के लिए पीताम्बर सेन को सुल्तानपुर का सह चुनाव प्रभारी बनाया। सह चुनाव प्रभारी बनने के दूसरे दिन ही पीताम्बर सेन ने बिना नाम लिए ही जिले के 3 पूर्व सपा विधायकों पार हमला बोलते हुए कहा कि ये नेता जनपद में पार्टी को दीमक की तरह चाट कर खोखला करने में जुटे हैं और 2017, 2022 की तरह इन तीनों विधायकों का आगामी विधान सभा चुनाव 2027 में भी हारने के दबदबा कायम रहेगा।
संगठनात्मक दृष्टि से मूल्यांकन किया जाए तो जमीनी स्तर पर सक्रिय भाजपा संगठन के सामने अन्य किसी भी पार्टी का संगठन दूर-दूर तक कहीं नहीं दिखाई दे रहा है। भाजपा का जिला स्तर, तहसील स्तर, मण्डल स्तर, ब्लॉक स्तर से लेकर मजबूत बूथ अध्यक्ष के साथ मतदाता से सीधे जुड़ने वाले पन्ना प्रमुख अधिसूचना के 6 माह पहले से ही चुनावी मोड में आ चुके थे। अन्य पार्टी चुनाव के समय ही आपस मे अंतर्कलह इतना ज्यादा है की *एक अनार सौ बीमार* वाली कहावत को चरितार्थ हो रही है।समाज के सैकड़ों लोगों ने *मेनका गांधी* जिन्दाबाद और *नरेंद्र मोदी जिंदाबाद* के नारे लगा कर बता दिया की मुश्लिम समाज अब चुनाव में खुल कर मेनका गांधी के साथ है।
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर दो बार 1999 (जयभद्र सिंह) और 2004(ताहिर खान) में कब्जा करने वाली बसपा ने उदय राज वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया। उदय राज वर्मा के लोकसभा की चुनावी रणनीति को देखकर लग रहा है की इन्होने स्वयं से मान ही लिया है की दलित और वर्मा मेरे साथ हैं। इन्हीं के द्वारा जीत पक्की है। किन्तु दलित वर्ग ने विधानसभा के चुनाव की तरह मुफ्त में मिल रहे राशन और आवास देने वाली सरकार के पक्ष में मतदान करने का मन बना लिया है। जिससे मेनका गाँधी को काफ़ी लाभ हो सकता है।
केंद्र सरकार की मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में पटेल वर्ग को राजनीतिक सम्मान और लाभ मिला है।उसको बरकरार रखते हुए अपनी नेता अनुप्रिया पटेल आह्वान पर मतदान करने जा रहा है। जिला अध्यक्ष डॉ आर ए वर्मा ने बताया की वर्मा समाज पूरी तरह सशक्त रूप से मेनका गाँधी के साथ खड़ा है। अबकी बार मेनका गाँधी के जीत का अंतर 2 लाख से भी ज्यादा का है।
समीक्षात्मक रूप से देखा जाय तो सपा प्रत्यासी रामभुवाल निषाद पार्टी अंतर्कलह के बीच और उदयराज वर्मा का चुनावी मैंनेजमेंट का सही से न कर पाना वर्तमान सांसद मेनका गाँधी को जीत का वॉकओवर दे दिया है। सांसद मेनका गाँधी की अपनी सर्वसुलभता, बिना किसी भेदभाव के सभी धर्म एवं जाति के लोगों की मदद करने का भाव, छत्तीसवें दिन तक 610 गाँवों में पहुँच कर लोगों से संवाद करना, गरीबों को सरकार द्वारा मिल रहे आवास और राशन के कारण चुनावी दौड़ में अभी सबसे आगे हैं।

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