अवधनामा संवाददाता
ललितपुर (Lalitpur)। देवगढ़ मैनेजमेंट कमेटी ने कोषाध्यक्ष कमलेश सराफ के नेतृत्व में एक ज्ञापन धार्मिक स्थल देवगढ़ जी में मछली पालन का ठेका एवं पट्टा नहीं दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि हिंदू जैन एवं बौद्ध धार्मिक स्थल तीर्थ क्षेत्र देवगढ़ में मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन का ठेका किसी ठेकेदार को दिए जाने के बारे में विश्वस्त सूत्रों द्वारा जानकारी हुई है जो कि अनुचित है। देवगढ़ मैनेजमेंट कमेटी एवं अन्य धार्मिक बंधुओं के द्वारा जिलाधिकारी से आह्वान किया कि देवगढ़ धार्मिक स्थल होने के कारण वहां पर मछली पालन का ठेका पट्टा नहीं दिया जाना चाहिए। देवगढ़ क्षेत्र में मंदिर की तलहटी पर धर्मशाला स्थित है एवं बहा चारों ओर कई सनातनी धर्म स्थल है। तालाब पर जाने हेतु इन्हीं मंदिरों के सामने से साधु संतों को गुजरना पड़ता है। मंदिर को जाने हेतु पैदल मार्ग एवं वाहन मार्ग के बीच में उक्त तालाब स्थित है। उसी मार्ग से जैन साधु संत हिंदू साधु संत और भी अनेक धर्मों के जुलूस का आवागमन होता रहता है जिससे कभी भी धार्मिक उन्माद एवं शांति भंग पैदा होने का अंदेशा रहेगा। मछली आखेट का ठेका रोकने हेतु 1 दिसम्बर 2020 एवं दूसरा पत्र 17 जुलाई 2021 एक पत्र मछली का ठेका रोकने के बाबत दिया था, जिस पर प्रशासन के द्वारा तालाब में मछली आखेट करने हेतु ठेका निरस्त करने का आदेश आपने दिया था लेकिन तत्कालीन मत्स्य अधिकारी द्वारा देवगढ़ में मछली के आखेट करने पुन: ठेका करने का विचार है। ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है। उन्होंने एसडीएम सदर सदर एवं मत्स्य विभाग को देवगढ़ स्थित तालाब में मछली पालन एवं आखेट हेतु कोई पट्टा ठेका नहीं दिया जाए इसका आदेश तुरंत जारी करने की मांग उठायी। इस दौरान सुरेश जैन, प्रदीप सतरवांस, शैलेंद्र सिंघई, दीपक जैन सिघंई, पं.मनीष सडैया, मदनलाल सोनी, समित समैया, संजीव सौंरया, मोहम्मद फहीम इकबाल मुख्य रूप से उपस्थित थे।