पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले सप्ताह तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर जा सकती हैं। इस दौरान उनका उद्देश्य नीति आयोग की बैठक में भाग लेना है। लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद यह ममता का पहला दिल्ली दौरा होगा। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी अलग से मुलाकात होगी या नहीं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस दौरे के दौरान ममता कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से भी मिल सकती हैं।
संसद में बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा और नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक 27 जुलाई को होनी है। योजना के अनुसार, ममता 25 जुलाई की शाम दिल्ली पहुंच सकती हैं। 26 जुलाई को वह संसद भवन जाएंगी, जहां उनकी ‘इंडी’ गठबंधन के नेताओं से मुलाकात हो सकती है। हालांकि, ये बैठकें अभी तक निश्चित नहीं हैं। 27 जुलाई को शाम को नीति आयोग की बैठक होगी और ममता 28 जुलाई को कोलकाता लौटने की योजना बना रही हैं।
उल्लेखनीय है कि 2022 में ममता ने नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लिया था, लेकिन 2023 की बैठक में अधिकांश विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरह ममता ने भी भाग नहीं लिया था।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद की स्थिति में ममता का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है। तृणमूल कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में लोकसभा की 29 सीटें जीती हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली में ममता और सोनिया गांधी की मुलाकात हो सकती है, जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हो सकते हैं। ‘इंडी’ गठबंधन की शक्ति में वृद्धि के बाद, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ समन्वय बना रहे हैं, हालांकि कुछ मामलों में मतभेद भी उभर रहे हैं। ममता और सोनिया के बीच बातचीत के बाद दोनों दलों के बीच संबंधों में नया मोड़ आ सकता है।
नीति आयोग की बैठक के अलावा, प्रधानमंत्री के साथ ममता की मुलाकात को लेकर संशय बना हुआ है। प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा है कि बैठक से एक दिन पहले दोनों की मुलाकात हो सकती है। नवान्न (पश्चिम बंगाल सचिवालय) सूत्रों के अनुसार, राज्य प्रशासन इस दौरे के लिए दो स्तरों पर तैयारी कर रहा है। पहला, प्रधानमंत्री के साथ बैठक के लिए, और दूसरा, नीति आयोग की बैठक के लिए। पिछले साल 20 दिसंबर को ममता ने बकाया मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी, जिसके बाद केंद्र और राज्य के अधिकारियों की एक समन्वय समिति बनाई गई थी। हाल ही में केंद्र ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए लगभग एक साल से अटकी हुई राशि जारी की है, लेकिन आवास योजना और मनरेगा के लिए अभी भी बकाया राशि जारी नहीं की गई है।
प्रशासनिक जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार आवास योजना के लिए केंद्र से अधिक राशि जारी करवाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव प्रचार में बंगाल सरकार ने 11 लाख घर बनाने का वादा किया था। राज्य की मौजूदा वित्तीय स्थिति में इस योजना के लिए 17 हजार करोड़ रुपये निकालना बेहद कठिन है। नीति आयोग की बैठक में केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे। इसलिए, राज्य सरकार की बकाया राशि और भविष्य की योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी अपेक्षाएं नीति आयोग की बैठक में केंद्र सरकार के सामने रख सकती हैं।