माले ने किसान आंदोलन के समर्थन में मोदी का पुतला फूंका
8 दिसंबर के भारत बंद को सफल बनाने पार्टी सड़कों पर उतरेगी
लखनऊ, 5 दिसंबर। भाकपा (माले) ने किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को पूरे प्रदेश में गांव-गांव प्रधानमंत्री मोदी का पुतला फूंका। पार्टी किसान संगठनों के आह्वान पर 8 दिसंबर को भारत बंद सफल बनाने के लिए पुनः सड़कों पर उतरेगी।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि मोदी सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के निरस्तीकरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून के निर्माण और प्रस्तावित बिजली बिल 2020 की वापसी की प्रमुख मांगों पर पिछले 10 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में भाकपा (माले) पूरी तरह से किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली बार्डर पर जमे आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में माले कार्यकर्ता भी डटे हैं।
राज्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर ठोस कार्रवाई करने के बजाय उन्हें चक्रीय वार्ताओं में उलझा कर थकाने की नीति अख्तियार कर रही है।इसके पहले किसानों के आंदोलन को बदनाम करने और उनमें फूट डालने की असफल कोशिश भी हुई। लेकिन इसे धता बताकर किसान सपरिवार इस ठंड में भी दस दिनों से रात-दिन राजधानी के गिर्द डटे हुए हैं। उनका आंदोलन निरंतर तेज हो रहा है और उनके पक्ष में समर्थन दिनों-दिन बढ़ रहा है।
राज्य सचिव ने कहा कि निश्चय ही मोदी सरकार को अपनी कारपोरेट-परस्ती छोड़कर किसानों के पक्ष में खड़ा होना होगा। कृषि को कारपोरेट के चंगुल में जाने से रोकने व कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने वाला कानून रद्द करना होगा। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना होगा। मंडी व्यवस्था और आवश्यक वस्तुओं के अनुरक्षण कानून की पुनर्बहाली करनी होगी। एमएसपी की गारंटी और उससे कम कीमत पर कृषि उत्पाद की खरीद को अपराध घोषित करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की और परीक्षा न ले और उनकी मांगें अविलंब मान ले।
किसान आंदोलन के समर्थन में आज सोनभद्र, मिर्जापुर, बनारस, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, प्रयागराज, रायबरेली, कानपुर, जालौन, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, मथुरा आदि जिलों में प्रधानमंत्री मोदी का पुतला गांव-गांव में फूंका गया।
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