महाराष्ट्र का ड्रामा खत्म

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एस.एन.वर्मा
मो.7084669136

एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक बना हुआ सस्पेन्स खत्म हुआ। सबको कयास था संख्या बल में ज्यादा होने से भाजपा के फड़नवीस मुख्यमंत्री बनेगे। फड़नवीस प्रेस कान्फेन्स में कहा एकनाथ शिन्दे विधायक दल के नेता होगे। पर ड्रामे में ड्रामा अखिरी पल तक चलता रहा। फड़नवीस ने कहा वे सरकार से बाहर रहेगे। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने फडनवीस पर दबाव डाला और फड़नवीस उपमुख्यमंत्री बने और शिन्दे मुख्यमंत्री। इस बीच, ठाकरे, शरद पवार, कांग्रेस अपनी अपनी चाल चलते रहे पर मास्टर स्ट्रोक भाजपा का रहा सभी चारो खाने चित हो गये। भाजपा ने शिन्दे को मुख्यमंत्री बनाकर सन्देश दिया कि इस उठापटक में उसका कोई हिस्सा नही है। शिन्दे को मुख्यमत्री बनाकर यह भी सन्देश दिया कि सरकार गिराने में उसका कोई रोल नही है। सरकार शिवसेना के अन्तरिक कलह से गिरी है। ठाकरे कह चुके है अगर शिवसेना का कोई शख्स मुख्यमंत्री बनता है तो उन्हें खुशी होगी। भाजपा ने शिन्दे को मुख्यमंत्री बना कर उन्हें खुश होने का मौका दे दिया है।
जब भाजपा शिवसेना से अलग हुई थी मुख्य विवाद मुख्यमंत्री को लेकर ही था। शिवसेना मुख्यमंत्री का पद मांग रही थी जबकि भाजपा कह रही थी जिस पार्टी के सबसे ज्यादा विधायक होगे उसी पार्टी को मुख्यमंत्री पद मिलेगा। शिवसेना का कहना था भाजपा ने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का वादा किया था। भाजपा का कहना है ऐसा कोई वादा नही किया गया था। ठाकरे अपने को और शिवसेना को षडयंन्त्र जरिये अपदस्थ करने, और अपने आदमियो द्वारा पीठ में छूरा भौकने की बात कहकर अपने लिये सहानभूत कार्ड खेल रही थी। पर शिवसेना के बागी विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाकर साहनभूत कार्ड निरस्त कर दिया। शिवसेना अपने आन्तरिक कलह स गिरी, मुख्यमंत्री में राजनैतिकरण कौशल की कमी थी इसलिये गिरी। वरना इतना बड़ा कान्ड उनके शासन में हो रहा था उन्हें खबर ही नहीं लगी लोगो में यह सन्देश जा रहा है।
शिन्दे बराबर वाला साहब की विरासत हिन्दुत्व की बात करते रहे कहा सच्चे शिवसैनिक हम लोग है। भाजपा भी हिन्दुत्व को अपनाये हुये है। शिन्दे के पास अब पावर भी है। बाकी बचे शिवसैनिको को भी अपने तरफ करने की कोशिश करगे। शिवसेना के संगठनो को भी अपने प्रभाव में लेने की कोशिश करेगे। उनका हिन्दुत्व कार्ड बाकी बचे शिवसैनिको को उनकी तरफ खीच सकता है। यह तो तय है ठाकरे और शिवसेना कमजोर हुये है। भाजपा को अपना विस्तार करने क अवसर मिलेगा। फिलहाल शिवसैनिको पर भाजपा अपना दबाव बनाने की कोशिश नहीं करेगा क्योंकि शिन्दे हार्डकोर शिवसैनिक है दोनो के सम्बन्धांे में इस बात को लेकर दरार आ सकती है जिसे भाजपा कभी नही चाहेगी न तो यह उसके हित में होगा। महाराष्ट्र में गठबन्धन सरकार को गिराकर भाजपा ने 2024 के चुनाव के नतीजो को लेकर विपक्ष की पार्टियो करारी चोट दी है। पहले वाला रूतबा वे शायद ही पा सके। शिवसेना तो तितर बितर हो ही गयी है।
शुरूआत में कहते हैं फडनवीस को अनजान रक्खा गया। शिन्दे से बात कर उन्हे मुख्यमंत्री बनाने आश्वसन देकर शिन्दे को ठाकरे सेना से अलग कर दिया गया। वे अपने अनुयायियों को लेकर सूरत चले गये वहां फडनवीस के आदमी पहुचने लगे तो गोहाटी चले गये। अब बीजेपी के निशाने पर बीएमसी चुनाव है जो शिवसेना के प्रभाव मंे है। शिन्दे की वजह से वहां के शिवसेना सदस्यो को अपनी ओर करने में शिन्दे अपने प्रभाव क इस्तेमाल अब तो करेगे ही। भाजपा को फायदा मिलेगा।
सरकार तो बन गई अब सवाल उठता है अब क्या होगा। क्योकि सुप्रीमकोर्ट फ्लोरटेस्ट करने वाले याचिका पर नोटिस जारी कर चुका है। डिप्टी स्पीकर ने अयोग्यता की जो कारवाई शुरू की है उसे चुनौती देने वाली याचिका लम्बित है।
कानूनविदा के अनुसार मुख्यमंत्री ने फ्लोरटेस्ट के लिये जाने बजाय इस्तीफा दे दिया है। तो मौजूद सरकार और मंत्रीमन्डल का अस्तित्व खत्म हो गया इससे चुनौती देने क अधिकार खत्म हो गया। डिप्टी स्पीकर विधानसभा का होता है। विधानसभा तो भंग हुई नही है। इस हालत में जब तक हटाये नहीं जाते पद पर बने रहेगे। अब नयी सरकार में स्पीकर डिप्टी स्पीकर चुनाव होगा। मौजूदा डिप्टी स्पीकर का बहुमत खोदेते है तो उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। यही प्रक्रिया स्पीकर के लिये भी होगी। ये कानून की पेचीदागियां है वह भी हल हो जायेगी। यह निश्चित है दिन ब दिन शिवसेना कमजोर होती जायेगी भाजपा मजबूत बाकी विपक्ष तो डवाडोल है ही। ठाकरे का असित्व भी खतरे में पड़ सकता है।
लगता है अभी महाराष्ट्र के ड्रामे का अन्त नही हुआ है। महाराष्ट्र में भाजपा अपने माास्टर स्ट्रोक के खुशी में जश्न मनाई पर जिन्हें सूत्रधार समझा जा रहा था फडनवीस जश्न में शामिल नही हुये। वह बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकरिणी के बैठक में भी हिस्सा नही लेगे। वह डिप्टी सीएम बनने से खुश नही है ऐसा खबरे आ रही है। नड्डा और अमितशाह को सभांलना होगा। क्योंकि इन्ही दोनो के कहने पर फड़नवीस ने डिप्टी सीएम की शपथ ली वरना घोषणा कर चुके थे कि सरकार में शामिल नही होगे।

 

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