डॉ कल्बे सादिक़ की अपील पर घंटाघर का इतिहासिक धरना अस्थाई तौर पर खत्म

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लखनऊ। | लखनऊ की शानदार बेटियों ने देश मे आने वाली मुसीबत को देखते हुए घंटाघर का इतिहासिक धरना स्थगित कर दिया । कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है और लखनऊ की स्थिति अत्यंत खतरनाक हो चुकी है |


हुसैनाबाद के घंटाघर मे चल रहे सीएए के खिलाफ धरना प्रदर्शन को कल 2 महीने 5 दिन हो रहे थे कि हम लोगों ने धरने को संकेतिक करने का प्रयास करना शुरू किया इसी बीच रविवार को दोपहर में हकीम ए उम्मत “डॉ कल्बे सादिक़ का पैग़ाम घंटाघर की जांबाज़ महिलाओं के नाम” आया | तुरंत हमने (सालेहा रिज़वी) और अपनी अज़ीज़ दोस्त फौज़िया अनवर ने घंटा घर पहुंच कर महिलाओं को अपने आदर्श डॉ कल्बे सादिक़ साहेब की अपील पर अम्ल करने और उन्हें समझने का काम शुरू किया |

फ़ौजिया अनवर जो ठिठुरती सर्दी, बारिश की सर्द रातों में इन महिलाओं के साथ शाना-बा- शाना नज़र आई, प्रदर्शन की कमान संभालते हुवे महिलाओं को समझाने बुझाने की बहुत कोशिश की । हम दोनों ने बड़ी मशक़्क़त से महिलाओं को समझाया उनकी इम्पॉर्टन्ट और उनकी ज़िंदगी की दुहाई दी | ज्ञात हो शाम होते होते हम लोग काफी तादाद में औरतों को घर भेजने में कामयाब हो गए |

घंटाघर में शाम से रात होते वक़्त महिलाओं ने हकीम ए उम्मत डॉ कल्बे सादिक़ की अपील पर संजीदगी से विचार करते हुवे हम दोनों को यक़ीन दिलाया कि हम लोग कोरोना से डर कर नहीं बल्कि कल्बे सादिक़ साहेब की अपील और देश हित में अस्थायी तौर पर धरनास्थल खाली करके अपने घरों को चले जाएंगे |

सालेहा रिज़वी ने कहा, औरतों को घर भेजना बहुत मुश्किल काम था | कल दिन भर हम फ़ौजिया एक-एक महिला को समझाते रहें उनको कोरोना से एहतियात करने के लिए समझाते रहे महिलाओं को घर जाने की रिक्वेस्ट करते रहे जबकि हम ये अच्छी तरह से जानते है कि कोरोना से ज़्यादा घातक डिटेंशन सेंटर  है लेकिन फिर भी देश हित में ये उचित था कि हम धरने को अस्थाई तौर पर स्थगित कर दें |

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बात मान कर ये बता दिया कि हम सब सरकार के साथ हैं | अब देखना ये है आने वाले समय में सरकार जनता के हित में फैसला लेकर सीएए और एनआरसी को खत्म करती है कि नहीं ?

ज्ञात हो कि चौक स्थित घण्टाघर पर पिछले दो महीने से ज्यादा समय से चल रहा महिलाओं का धरना प्रदर्शन सोमवार को अस्थाई तौर पर स्थगित किया गया | सीएए के विरोध में महिलाएं यहां 17 जनवरी से प्रदर्शन कर रहीं थीं। धरना स्थल पर सांकेतिक तौर पर मौजूदगी के लिए प्रदर्शनकारी महिलाएं अपना- अपना दुपट्टा छोड़ गई हैं। फौज़िया अनवर ने बताया कि महामारी का प्रकोप थमते ही उनका धरना प्रदर्शन फिर से शुरू होगा।

कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. भारत की ही बात करें तो देश में कोरोना वायरस के कारण अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है, वहीं जबकि इससे प्रभावित लोगों की संख्‍या अब 350 से भी ऊपर चली गई है. लेकिन अब देश के 13 राज्‍य और कुल मिलाकर देश के 80 जिलों में लॉकडाउन हो गया है.

इसमें उत्तर प्रदेश के 15 जिले शामिल हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिववार को बताया कि 23 मार्च से आगरा, लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मौरादाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खिरि, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, अलीगढ़स, गौरखपुर और सहारनपुर डाउन रहेंगे. ये लॉकडाउन 25 मार्च तक जारी रहेगा.

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने डॉ कल्बे सादिक़ साहेब की बात मानी । अल्लाह कल्बे सादिक़ साहेब को सेहत व तंदरुस्ती अता करे | क़ौम व मिल्लत को उनकी सख्त ज़रूरत है । आमीन

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