गुमशुदगी की एफआईआर भी नहीं लिखती लखनऊ पुलिस

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अवधनामा ब्यूरो

लखनऊ. कमिश्नरेट बनने के बाद लखनऊ की पुलिसिंग में बदलाव के दावे किये जा रहे हैं लेकिन इन दावों का सच लखनऊ का एक महत्वपूर्ण थाना वजीरगंज बता रहा है.

वजीरगंज थाना क्षेत्र में मकबरा गोलागंज है. मकबरा गोलागंज में रहने वाला 37 वर्षीय मोहम्मद अब्बास रिजवी 19 जनवरी को अचानक से गायब हो गया. अब्बास डिप्रेशन का शिकार है. किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मानसिक रोग विभाग में उसका इलाज चल रहा है.

19 जनवरी की शाम से लापता मोहम्मद अब्बास रिजवी को उसके घर वाले दिन-रात ढूंढ रहे हैं. वजीरगंज के थाना प्रभारी को घर वालों ने एफआईआर के लिए एप्लीकेशन दी. 23 जनवरी को थाने से उस एप्लीकेशन पर मोहर लगाकर घर वालों को दे दी गई.

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23 जनवरी से 13 फरवरी आ गई लेकिन पुलिस की जांच-पड़ताल अपनी जगह पर रुकी हुई है. 37 साल के लापता नौजवान को तलाश करने में पुलिस में पुलिस ने कितनी मशक्कत की होगी इसका अंदाजा इसी बात से हो जाता है कि वजीरगंज थाने की पुलिस को अभी यह गुमशुदगी एफआईआर लिखने लायक घटना भी महसूस नहीं हुई है.

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