लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 की छत से पानी टपकने की घटना सामने आई है। कर्मचारियों ने तुरंत टब लगाकर पानी को फैलने से रोका। कन्वेयर बेल्ट में खराबी के कारण यात्रियों को सामान के लिए इंतजार करना पड़ा। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है और विजिटर पास पर रोक लगा दी गई है। लखनऊ न्यूज़ में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।
लखनऊ। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नए टर्मिनल-3 की छत जगह-जगह से टपकने लगी। आनन-फानन कर्मचारियों ने टब लगाकर पानी को फर्श पर फैलने से रोका नहीं तो यात्री फिसल कर चोटिल हो सकते थे।
एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 का पिछले वर्ष ही उद्घाटन हुआ है। इसके कुछ समय बाद भी बारिश के दौरान छत से पानी टपकने लगी थी। तब निजी प्रबंधन ने कहा था कि मामूली गड़बड़ी थी, जिसे दुरुस्त कर लिया गया। शुक्रवार को फिर तेज बारिश हुई थी छत टपकने लगी।
यात्रियों के अनुसार बोर्डिंग हाल की ओर छत से कई जगह बारिश का पानी तेजी से टपकने लगा। कुछ यात्रियों ने शिकायत की तो कर्मचारियों का ध्यान गया। इसके बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने जहां-जहां पानी टपक रहा था उन स्थानों पर प्लास्टिक टब लगाए। एयरपोर्ट के नए टर्मिनल में 2400 करोड़ रुपये की लागत आई है।
अचानक रुक गई कन्वेयर बेल्ट, यात्री ढूंढ़ते रहे लगेज
एयरपोर्ट पर गुरुवार-शुक्रवार की रात अचानक कन्वेयर बेल्ट रुक गई। उसी समय दो फ्लाइटें उतरी थीं। यात्रियों का लगेज लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
फ्लाइट आने के बाद जिनका बैग चेक इन होता है, वह यात्रियों के उतरने के बाद कन्वेयर बेल्ट पर लोड किया जाता है। इस पर से यात्री अपना लगेज पहचान कर उठा लेते हैं। यात्री मधुकर पांडेय के पोस्ट पर लखनऊ एयरपोर्ट के एक्स हैंडल से एक घंटे बाद बताया गया कि पावर सप्लाई ठप हो गई थी, जो अब बहाल हो गई है।
अतिरिक्त समय लेकर निकलें
यदि हवाई यात्रा करने जा रहे हैं तो अतिरिक्त समय लेकर निकलना होगा। विजिटर पास पर भी 20 अगस्त तक के लिए ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटीज के निर्देश पर रोक लगा दी गई है। 100 रुपये के विजिटर पास के जरिए यात्रियों को परिवारीजन या करीबी टर्मिनल में एक स्थान तक भीतर जा सकते हैं।
फिलहाल यह एंट्री टिकट नहीं मिलने वाला है। निर्देश में एयरपोर्ट टर्मिनल, पार्किंग, पेरिमीटर जोन और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर गश्त और निगरानी की सलाह दी गई है। इसके अलावा, सभी सीसीटीवी सिस्टम्स को नान-स्टाप एक्टिव मोड में रखा जाएगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या वस्तु की तुरंत जांच की जाएगी।
सुरक्षा जांच का दायरा बढ़ाया गया
एयरपोर्ट जाने वालों को रैंडम आधार पर टर्मिनल से पहले चेकिंग नाका पर जांच करानी पड़ सकती है। इसमें पुलिस या सीआईएसएफ के जवान गाड़ी की तलाशी लेते हैं। इसके अलावा सेकंड लैडर प्वाइंट जांच भी शुरू कर दी गई है। सेकंड लैडर प्वाइंट जांच का मतलब है विमान में चढ़ने से पहले यात्रियों और उनके सामान की एक और सुरक्षा जांच।
यह एक दूसरे चरण की सुरक्षा जांच है जो एयरलाइंस सिक्योरिटी करती है, खासकर उन स्थितियों में जहां सुरक्षा अलर्ट अधिक हो। इसका उद्देश्य यात्रियों और उनके सामान की विमान में चढ़ने से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह जांच सीआईएसएफ की ओर से प्रारंभिक सुरक्षा जांच के बाद की होती है।