अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। जिला मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन कहने को तो आदर्श है पर यहां टिकट के लिए लगने वाली लाइन और यात्रियों को होने वाली परेशानियों ने आदर्श के तमगे पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
बाराबंकी जिला मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन को आदर्श का दर्जा दिया गया है पर यहां व्याप्त असुविधा पर नजर डाली जाए तो यह तमगा अपने मकसद में सफल नहीं दिखता। रेलवे स्टेशन परिसर मे टिकट लेने के लिए आने वाले यात्रियों की लगने वाली लाइन पर ही नजर डाली जाए तो स्थित अपने आप साफ हो जाती है। फोटो मैं दिख रही लाइन गुरुवार की है। दूर सफर करने वाले यात्रियों को टिकट लेने की जल्दी थी पर ऑटोमेटिक टिकट मशीन पर किसी के ना होने और एकमात्र टिकट काउंटर चालू होने की वजह से यात्रियों को काफी देर तक लाइन में लगना पड़ा। महिलाओं के लिए कोई सुविधा ना होने की वजह से उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। ऐसी समस्याओं का सामना करना यात्रियों की आदत बन चुकी है। वह किसी से शिकायत भी नहीं करते क्योंकि उन्हें पता है कि शिकायत का निराकरण कोई करने वाला नहीं है। चाहे रेलवे लाइन पर आवारा पशुओं का घूमना हो या फिर गंदगी का अंबार।