अवधनामा संवाददाता
अपने साथ सूत्री विचार पत्र को लेकर संसद को सौप जांच की उठाई मांग
अवधनामा (सोनभद्र/ब्यूरो) जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस परिसर में रविवार को अपना दल एस सांसद पकौड़ी लालकोल को भारतीय कोयला खदान मजदूर संगठन के पदाधिकारी द्वारा सात सूत्री मांग को लेकर सौपा पत्र बुलंद की आवाज उठाई जांच की मांग।
विभाग प्रमुख बी एम एस बीड़ी विश्वकर्मा ने बताया कि
कोयला खान भविष्य निधि संगठन में हो रही धांधली पर पूरी तरह रोक लगाकर कोल कर्मियों के पीएफ/पेंशन फंड को बचाने बाबत सांसद पकौड़ी लालकोल को ज्ञापन सौप कर पदाधिकारी ने बुलंद की आवाज।
वही श्री विश्वकर्मा ने बताया कि कोयला कर्मियों की मेहनत की कमाई 1.5 लाख करोड़ रुपये का भविष्य निधि और पेंशन फंड धनबाद स्तित सीएमपीएफ संगठन द्वारा प्रबंधित किया जाता है। आयुक्त इस का मुखिया है। न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष भारत सरकार कोयला मंत्रालय के सचिव हैं। दुर्भाग्य से, सीएमपीएफ संगठन का मुख्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। वर्ष 2015-2018 के दौरान भारी मात्रा में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में 1,390.25 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। हालांकि फंड मैनेजरों ने संगठन को रेटिंग में गिरावट के बारे में सूचित किया था, लेकिन सीएमपीएफओ के संबंधित अधिकारियों ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के शीघ्र मोचन के लिए समयपर उचित कदम नहीं उठाए, जिसके परिणामस्वरूप 727.67 करोड़ रुपये का नुकसान संगठन को हुआ।
CAG ने भी वार्षिक खातों/रिपोर्ट में गंभीर आपत्तियाँ/टिप्पणियाँ कीं है। इसी तरह, वर्ष 2011-2014 के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) में 102.43 करोड़ रुपये और रिलायंस कैपिटल(RC) में 150 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। लेकिन कंपनियों के परिसमापन में जाने से पहले, सीएमपीएफ अधिकारियों द्वारा राशि वापस लेने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया, जिससे संगठन को भारी नुकसान होने की संभावना है। इसके अलावा यह ज्ञात नहीं है कि निजी कंपनियों में कितना निवेश किया गया है, और उसका भविष्य क्या होगा । सीएमपीएफ संगठन में कोई पारदर्शिता नहीं है।
सीएमपीएफ संघठन में हो रही उपरोक्त गड़बड़ी में सुधार हेतु संघठन द्वारा निम्न सुझाव आपके समक्ष पेश कर रहे है।
1. उपरोक्त घोटालों की जांच सीबीआई से कराएं और दोषियों को दंडित करें, साथ ही निगली गयी राशि वसूली भी करें।
2. वित्तीय पृष्ठभूमि और अनुभव वाले एक कुशल आयुक्त को नियुक्त किया जाय ।
3. संगठन के सम्पूर्ण ओवरहाल (overhaul) किया जाय।
4. संगठन के प्रशासन और कामकाज में पारदर्शिता लाना ।
5. पूरे प्रणाली को डिजिटल बनाना ।
6. निजी संस्थाओं में निवेश न करें, जब तक कि भारत सरकार गारंटी न दे।
7. भविष्य निधि आयुक्त/कोयला सचिव को जवाबदेह बनाया जाय इस मौके पर बी डी विश्वकर्मा (विभाग प्रमुख बी एम एस ,सोनभद्र )
दशाराम यादव ( जिला मंत्री )
मनोज कुमार सिंह (महामंत्री एन.सी.एल .)
अरुण कुमार दुबे( जे.सी.सी. एनसीएल )
सत्येंद्र सिंह(अध्यक्ष, ककरी )
मनोज कुमार कुंडू (अध्यक्ष रेनू सागर)
उदित नारायण शुक्ला (अध्यक्ष, खड़िया )
अमित कुमार यादव (सचिव)
बुद्धेश्वर सिंह(अध्यक्ष बिना )
नरेंद्र आर्य (सेफ्टी एनसीएल) विघ्नेश्वर शर्मा (कोषाध्यक्ष बी एम एस )
रामबली यादव (रेलवे शाखा सचिव आदि लोग मौजूद रहे।