अवधनामा संवाददाता
आजमगढ। लालगंज तहसील में बुधवार को बहन की पैरवी करने गए अधिवक्ता को मनबढ़ लेखपालों ने कमरा बंद करके पीटा। इस दौरान अधिवक्ता के सिर में नोकिले हथियार से हमलाकर उन्हे घायल कर दिया। साथ ही अधिवक्ता की बहन के साथ अभद्रता किया। शोर सुनकर अधिवक्ताओं की भीड़ लेखपाल कक्ष की तरफ दौड़ पड़ी। अधिवक्ताओं की भीड़ देखकर लेखपाल कमरे से भागने लगे एक लेखपाल दौड़कर तहसीलदार के विश्राम कक्ष में छिप गया। जिसे घेरकर अधिवक्ता धरने पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे। घटना से तहसील में अफरा -तफरी मच गई। सूचना पर सीओ लालगंज और कोतवाल देवगांव फोर्स के साथ पहुंच गये। जबकि एसडीएम और तहसीलदार पहले से मौजूद थे। नाराज वकील दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अड़े हैं।
देवगांव कोतवाली क्षेत्र के कोटा खुर्द गांव निवासी उषा देवी पत्नी मनोज कुमार ने बताया कि गाँव की आराजी नम्बर 413 में हमारे ससुर 333 कड़ी भूमि का बैनामा लिए थे। जिसका नामांतरण नहीं हो पाया है। जिस पर मैं काबिज हूं, उसी नम्बर में कुछ हिस्सा पोखरी का भी है। उन्होंने बताया कि हल्का लेखपाल बराबर धमकी देता है कि फसल काट लो हम पोखरी खोदवाएंगे। उक्त के संदर्भ में बुधवार को उपजिलाधिकारी से पोखरी का चिन्हीकरण कर कारवाई करने का आदेश करा कर अपने भाई मंतराज के साथ लेखपाल को देने गयी थी। लेखपाल ने आवेदन देखते ही अपशब्दों की बौछार शुरू कर दिए। हमारे भाई मंतराज एडवोकेट ने जब इसका विरोध किया तो कमरे में बैठे सभी लेखपाल दरवाजा बन्द कर मेरे भाई को पीटने लगे। हम लोग शोर मचाने लगे तो लेखपाल लोग दरवाजा बन्द कर भाग गए। हंगामा होते ही उपजिलाधिकारी ,तहसीलदार, क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक देवगांव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँच गये। घायल अधिवक्ता को इलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।अधिवक्तागण दोषी लेखपालों के विरुद्ध मुकदमा लिखकर उनको निलम्बित करने की मांग पर अड़े हुए है।