नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि डाटा सुरक्षा की चिंता एक अहम मुद्दा है और भारत में इसके लिए एक कानूनी ढांचा मौजूद है। हालांकि, इसके लिए सार्वजनिक जागरूकता भी उतना ही महत्वपूर्ण है। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि वह एक ऐसी सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं, जिसमें लोगों के जीवन से किसी भी अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप को समाप्त कर दिया जाए।
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गेट्स के एक सवाल पर मोदी ने कहा, मैं प्रौद्योगिकी के प्रति आकर्षित हूं, लेकिन इसका गुलाम नहीं हूं। मैं विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन प्रौद्योगिकी के प्रति मुझमें बच्चों जैसी जिज्ञासा है। पीएम ने कहा कि जिन गरीबों को वास्तव में सरकारी सहायता की आवश्यकता है, उन्हें आसानी से सरकारी सहायता उपलब्ध होनी चाहिए। भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है।
ताकि प्रौद्योगिकी में विश्वास को बढ़ावा दे सकें
मोदी ने भारत में डिजिटल क्षेत्र में किसी भी एकाधिकार को खत्म करने का श्रेय ‘प्रौद्योगिकी के लोकतंत्र’ को दिया और कहा कि यह सभी को समान अवसर देता है। यह जनता के द्वारा और जनता के लिए है। उन्होंने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि समुदाय के भीतर से उभरती प्रतिभाएं लगातार योगदान दे सकें। वह लोगों के बीच प्रौद्योगिकी में विश्वास को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर सकें।
प्रौद्योगिकी पर किसी का एकाधिकार नहीं होना चाहिए
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि प्रौद्योगिकी पर किसी का एकाधिकार नहीं होना चाहिए और इसे आम लोगों द्वारा संचालित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दुनिया में डिजिटल विभाजन के बारे में सुनते थे। तभी उन्होंने फैसला किया था कि वह भारत में ऐसा नहीं होने देंगे।
मैं अपने देश में ऐसा नहीं होने दूंगा
पीएम ने कहा, जब मैं दुनिया में डिजिटल विभाजन के बारे में सुनता था, तो कहता था कि मैं अपने देश में ऐसा नहीं होने दूंगा। डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर अपने आप में एक बड़ी जरूरत है। आज मैं गांवों में डिजिटल सुविधाएं लाना चाहता हूं। ‘डिजिटल सरकार’ की सराहना करते हुए गेट्स ने कहा कि भारत न केवल प्रौद्योगिकी को अपना रहा है, बल्कि वास्तव में आगे बढ़ रहा है। कुछ डिजिटल प्रणालियां बिचौलियों से छुटकारा दिला रही हैं। यह बहुत फायदेमंद है।
प्रमाणपत्र देने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया
मोदी ने गेट्स बताया कि कैसे भारत ने लोगों को कोविड टीकाकरण का स्लॉट और प्रमाणपत्र देने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया, जबकि दुनिया के अन्य देश महामारी के दौरान ऐसा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।