लावारिश बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार, राजकुमार पाण्डेय ने निभाया मानवता का फर्ज

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गौर, बस्ती। गौर विकास खंड के चनईपुर गांव में एक हृदयस्पर्शी घटना ने मानवता की मिसाल पेश की है। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला, जिसे उसके बड़े बेटे धनंजय चौहान ने सात दिन पहले बस्ती रेलवे स्टेशन पर लावारिश छोड़ दिया था, का आज जिला अस्पताल में निधन हो गया। इस दुखद घटना के बाद, जब पड़ोसियों ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया, तब पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार पाण्डेय ने पंडित अर्जुन त्रिपाठी के सहयोग से हिंदू रीति-रिवाजों के साथ मूड़घाट पर महिला का अंतिम संस्कार कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग महिला चलने-फिरने में असमर्थ थी और उसका बड़ा बेटा, जो नशे का आदी बताया जा रहा है, उसे रेलवे स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गया। एक नेकदिल व्यक्ति ने महिला को बस्ती जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

महिला का छोटा बेटा विदेश में रहता है, और पड़ोसियों द्वारा अंतिम संस्कार में सहयोग न करने के कारण स्थिति जटिल हो गई थी। ऐसे में, सामाजिक संगठन साथी हाथ बढ़ाना के फाउंडर और पत्रकार राजकुमार पाण्डेय ने मानवता का परिचय देते हुए जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने पंडित अर्जुन त्रिपाठी जी महाराज के साथ विचार-विमर्श कर मूड़घाट पर हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार महिला का अंतिम संस्कार किया। इस कार्य में उन्होंने जाति, पंथ और मजहब की दीवारों को तोड़कर मानवता को सर्वोपरि रखा। राजकुमार पाण्डेय ने कहा, “यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन लोगों के साथ खड़े हों, जिन्हें समाज ने ठुकरा दिया। इस बुजुर्ग मां को सम्मानजनक विदाई देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी थी।”

पंडित अर्जुन त्रिपाठी ने भी इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि राजकुमार जी का यह कदम समाज के लिए प्रेरणादायक है। स्थानीय लोगों ने राजकुमार पाण्डेय की इस पहल की जमकर प्रशंसा की है। उनके इस कार्य ने न केवल मानवता का संदेश दिया, बल्कि समाज को यह भी सिखाया कि दया और करुणा किसी भी सीमा से परे होती है। लोग उनकी इस नेक पहल को सलाम कर रहे हैं और भगवान से उनकी उन्नति की प्रार्थना कर रहे हैं।

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