लंभुआ विधायक का दावा खोखला, डीएम सी इंदुमती ने पूरे मामले को किया स्पष्ट

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पुनीत कुमार शुक्ल

ब्यूरो रिपोर्ट सुल्तानपुर

 

लंभुआ / सुलतानपुर।लंभुआ विधायक देवमणि का दावा झूठा और खोखला निकला। जब संबंधित फर्म को भुगतान किया ही नहीं गया है तो कैसा भ्रष्टाचार? इस मामले में अब विधायक लंभुआ की खूब फजीहत हो रही है।जिला अधिकारी सी इंदुमती की ओर से अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच सौंपी।साथ ही संबंधित फर्म के भुगतान रोक दिए जाए। उक्त फर्म को नोटिस जारी करने का र्देश डीएम ने जांच अधिकारियों को दिए हैं।गौरतलब है कि जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि लंभुआ विधायक देवमनि द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर और आईआर थर्मामीटर की आपूर्ति ग्राम पंचायतों में शासनादेश के विपरीत किए जाने की शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। डीएमसी इंदुमती ने इस मामले में एकदम स्पष्ट किया है कि लंभुआ विधायक द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह निराधार एवं अपुष्ट तथ्यों एवं जानकारी के अभाव में लगाया गया है।वास्तविकता यह है कि कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन स्तर द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में प्रत्येक नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में सर्विलांस टीम गठित करते हुए डोर टू डोर सर्वेक्षण करने के लिए प्रत्येक सर्विसलांस टीम को ऑक्सीमीटर एवं आईआर थर्मामीटर दिए जाने की अपेक्षा की गई थी। तत्समय कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम की तत्कालिता के दृष्टिगत ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों द्वारा विकेंद्रीकृत रूप से शासन के निर्देशानुसार पल्स ऑक्सीमीटर और आईआर थर्मामीटर अधिकृत फर्म द्वारा विभिन्न मूल्य पर नियमानुसार क्रय किए गए।तत्समय शासन स्तर से उक्त सामग्री के मूल्य निर्धारित नहीं थी। ग्राम विकास एवं ग्राम पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के शासनादेश संख्या 80ध् एसीएस आरडी पीआर 2020 दिनांक 24 जुलाई 2020 के द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर का अधिकतम मूल्य 2800 रुपए निर्धारित किया गया।अधोहस्ताक्षरी के संज्ञान में उक्त शासनादेश में विहितनिर्देश संज्ञान में आते ही तत्काल आपूर्ति फर्म का भुगतान रोकते हुए ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों में उक्त शासनादेश के पूर्व में किए गए पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की जांच क्रमशः जिला पंचायत राज अधिकारी व अपर जिला अधिकारी को दी गई।प्रारंभिक जांच में संज्ञान में आया कि 986 ग्राम पंचायतों में से 304 ग्राम पंचायतों का भुगतान उपरोक्त शासनादेश निर्गत होने के पूर्व में ही कर दिया गया। शेष 682 ग्राम पंचायतों का भुगतान नहीं हुआ था। अधोहस्ताक्षरी द्वारा साथ में निर्धारित मूल्य से अधिक पर किए जाने के कारण से 682 ग्राम पंचायतों के भुगतान पर तत्काल रोक लगाते हुए आपूर्ति फर्म के विरुद्ध जांच के आदेश दे दिए गए हैं।डीएम ने स्पष्ट किया है कि जिले में निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर का क्रय जनपद में नहीं किया गया है तथा शासनादेश में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर करने वाली 682 ग्राम पंचायतों का भुगतान भी रोक दिया गया है। शासनादेश में विहित निर्देशों का अक्षरशःपालन किया है। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। डीएम ने कहा है कि विधायक द्वारा इस संदर्भ में जनपद स्तर पर जानकारी प्राप्त की जाती तो इस प्रकार की भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हुई होती।

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