मुसीम हत्या कांड के आठ नामजद अभियुक्त अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर

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 दो खास अभियुक्तो को गिरफ्तार ही नही करना चाहती पुलिस

मृतक के परिवार पर सुलाह का दबाव बना रही पुलिस

‘मोहम्मदी-खीरी– कोतवाली अन्तर्गत ग्राम मुड़िया खेड़ा बैदा में 31 मार्च को हुए मुसीम हत्या कांड के आठ नामजद अभियुक्त अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है। घटना वाले दिन एक अभियुक्त को तो पुलिस ने पकड़ा था पांच अपने आप सरेन्डर कर गए जो पुलिस की पकड़ से दूर है वही शातिर है जिनको पुलिस पकड़ने के बजाए उन्हे मुकदमे से बाहर करने के ताने-बाने बुन रही है। मृतक के पिता का आरोप है कि जो फरार वही अपराधिक मानसिकता के है और वो धन बल पर सुलाह का दवाब बना रहे है वही पुलिस उनके एक मददगार को मदद न करने का दवाब बना रही है। मृतक के वृद्ध पिता ने हताशा भरे लहजे मे बताया कि वो प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित आला पुलिस अधिकारियो को प्रार्थना पत्र दे देकर थक सा चुका है लेकिन पुलिस दो खास अभियुक्तो को गिरफ्तार ही नही करना चाहती। हमे भय है कि कही ये दोनो हमारा भी कत्ल न कर दे। इस शंका से मृतक का पूरा परिवार खासा भयभीत है।क्षेत्र के ग्राम मुड़िया खेड़ा बैदा निवासी मुसीम पुत्र इसाद की 31 मार्च 20 को गांव में दिन-दिहाड़े दबंग व अपराधिक मानसिकता वाले लाल मोहम्मद, अफजाल, अनीस, इलियास, सरफराज, अमजद, रौनक, आसिम, बल्लने, इसलीम, आफाक, फजले, शारिक एवं कासिम ने इस लिये पीट-पीट कर हत्या कर दी थी कि ये दबंग राठौर चाट वाले से बिना पैसे दिये जबरन ठेले से चाट उठाकर खा रहे थे। इन दबंगो को ये सहन नहीं हुआ जिस पर विवाद होने लगा परिणाम स्वरूप इन दबंगो ने राठौर चाट वाले का पक्ष लेने पर मुसीम की लाठी डण्डो से पीट-पीट कर हत्या कर दी। इस हत्याकांड का मुकदमा मृतक के पिता ने मु0अ0सं0 261/20 धारा 147, 148, 323, 504, 323 एवं 302 में उक्त 14 अभियुक्तो को नामजद करते हुए दर्ज कराया था। घटना वाले दिन तो पुलिस का जो रवैया था उससे प्रतीत हो रहा था कि पीड़ित परिवार की वो सबसे अधिक हितैषी एवं मददगार है उसी दिन एक अभियुक्त अनीस को पुलिस ने तुरन्त गिरफ्तार कर अपने को हमदर्द होने का सबूत दिया था लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ते गए पुलिस का रवैया बदलता चला गया। पुलिस ने अभियुक्तो को गिरफ्तार करना तो दूर गांव आना तक बन्द कर दिया। सारे अभियुक्त बेखौफ होकर घूमते रहे, रात में घर आते प्रातः फिर छिप जाते तथा मृतक के पिता पर सुलाह का दवाब बनाया जाने लगा, लाखो रूपयो का प्रलोभन दिया गया लेकिन गरीब इंसाद को अभियुक्तो के लाखो रूपयो का लालच भी डिगा नहीं सका। इंसाद का आरोप है कि पुलिस एवं अभियुक्तो के बीच कोई डील हो गयी। जिसके चलते पुलिस अभियुक्तो को गिरफ्तार करने के बजाए उस पर सुलाह समझौते का दबाब बनाने लगी तब उसने एक-दो बार नहीं कई बार एसपी को प्रार्थना पत्र देकर उन्हे गिरफ्तार करने की मांग की जब यहां नही सुनी गयी तो पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक सहित पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियो सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि धन बल के चलते पुलिस अभियुक्तो का ताल-मेल हो गया है। एक सिपाही उसके एक मददगार को दो लाख रूपयो में खरीदने के लिये आया था जो ये साबित करता है कि पुलिस अभियुक्तो का ताल-मेल हो गया है।ठंसाद ने बताया कि यही सब उसने अपने भेजे प्रार्थना पत्रो में लिखी तो पुलिस उससे नाराज हो गयी लेकिन अभियुक्तो से हुए समझौते पर पुलिस ने आठ शातिर किस्म के अभियुक्तो को बाहर करने का आश्वासन देकर घटना के कुछ समय बाद इसलीम को कोतवाली बुला लिया और दबिश में गिरफ्तार दिखाकर जेल भेज दिया फिर कुछ समय बाद सरफराज, अमजद, रौनक एवं आसिम को कोतवाली बुलाकर जेल भेज दिया। तबसे न अन्य आठ में से कोई अभियुक्त पकड़ा गया और न हाजिर हो रहा है। ये आठो लाल मोहम्मद, जिसने एक सिक्ख कृषक की हत्या के इरादे से उस पर गोली का फायर किया था। सहित तमाम घटनाओ को अंजाम दे चुका उसी की तरह अफजाल एवं बल्लने, इसलीम, आफाक, फजले, शरीक एवं कासिम को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। इंसाद का आरोप है कि पुलिस धनबल पर उनको मुकदमे से निकालना चाहती है अगर ऐसा नहीं है तो विवेचक अभियुक्तो को गिरफ्तार क्यो नहीं कर रही जबकि वो खुले आम घूम रहे है। हमे भय है कि ये लोग हमारी व परिवार जनो की हत्या कर सकते है। हम पर रूपया लेकर सुलाह का दवाब भी बनाया जा रहा है। अगर ऐसी कोई भी दूसरी घटना घट जाती है तो उसका श्रेय पुलिस को जायेगा। इन मुख्य अभियुक्तो के पकड़े न जाने से मृतक की पत्नी बच्चे एवं परिवार जन खासे भयभीत है। इस भय के कारण ही वो अपने खेत-पात देखने भी नहीं जा रहे है। इंसाद ने कहा कि वो एक बार फिर कप्तान बहन जी के पास जायेगा हो सकता है कि इस बार उसे न्याय मिल जाये।

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