के के रेल मार्ग में भूस्खलन होने से पटरियां बही

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सावन के शुरु होते ही प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बारिश का दौर जारी है। ​कई नदी और नाले उफान पर है, तो कहीं बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। छत्तीसगढ़ में बारिश को लेकर मौसम विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है। इस बीच 17 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। जहां भारी बारिश हो सकती है। भूस्खलन होने से केके रेल मार्ग पर पटरियां बह गई हैं । बारिश ने रेल यातायात पर भी बुरा असर डाला है।

ओडिशा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रेल मार्ग पर बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ है। तीनों राज्यों को जोड़ने वाला केके रेल मार्ग बारिश की वजह से तबाह हो गया है।भूस्खलन होने से केके रेल मार्ग पर पटरियां बह गई है। के के रेलमार्ग के बारे में सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर संदीप कुमार ने बताया है कि केके रेलमार्ग पर ओडिशा और आंध्रप्रदेश के बीच भूस्खलन हुआ है। यह भूस्खलन टायड़ा रेलवे स्टेशन चिमड़ीपल्ली स्टेशन के बीच बीते 2 दिनों से लगातार हो रहा है। पहाड़ों से चट्टाने गिरकर पटरी पर आ गई है। जिसके कारण एहतियात बरतते हुए ईस्ट कोस्ट रेलवे ने आदेश जारी किया है। इस कारण 31 जुलाई तक यात्री ट्रेन रायगढ़ा से घूमकर बस्तर पहुंचेगी। किरंदुल डैम फूटने की वजह से बस्तर में रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। यात्री ट्रेनों को दंतेवाड़ा तक चलाने का फैसला लिया गया है। इस दौरान किरंदुल तक ट्रेनें नहीं चलेंगी। जब किरंदुल में स्थिति सामान्य होगी उसके बाद यहां रेल सेवा बहाल हो पाएगी।

इसी बीच मौसम विभाग ने आज फिर कई जिलों के लिए भारी बारिश की संभावना जताई है।आज प्रदेश के 17 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। जहां भारी बारिश हो सकती है। अगले दो दिनों में भी सरगुजा और बस्तर संभाग के एक दो जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। लगातार हो रही बारिश से छत्तीसगढ़ की नदियां, बांध और तालाबों में पानी का लेवल बढ़ गया है। मौसम विभाग ने भारी बारिश की अलर्ट जारी कर दिया है।

छत्तीसगढ़ में एक जून 2024 से अब तक राज्य में 541.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 28 जुलाई सुबह तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1304.5 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 201.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

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