ऑस्कर के बहाने खडग़े का मोदी पर तंज

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कहा-उम्मीद है सरकार इन पुरस्कारों का श्रेय नहीं लेगी; उपराष्ट्रपति बोले- तो मैं भी फिल्मों में होता

नई दिल्ली। ऑस्कर में भारत को दो अवॉर्ड मिलने की खुशी राज्यसभा तक पहुंच गई। दरअसल, द एलिफेंट व्हिस्परर्स के अलावा एसएस राजमौली की फिल्म क्रक्रक्र के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। क्रक्रक्र के राइटर के. विजयेन्द्र कुमार राज्यसभा के सदस्य भी हैं।
इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने चर्चा की बात कही। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से लेकर समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन तक ने भारतीय फिल्म जगत की जमकर तारीफ की। इस दौरान खडग़े ने तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज भी कसा।
खडग़े ने क्रक्रक्र के गाने नाटू-नाटू को ऑस्कर मिलने पर सराहना की। सरकार पर कटाक्ष किया और कहा, उम्मीद है कि मोदी सरकार इन पुरस्कारों का श्रेय नहीं लेगी।
खडग़े बोले- रूलिंग पार्टी ये न कह दे कि हमने इसे डायरेक्ट किया है
खडग़े ने कहा कि पहली बार नाटू-नाटू गाने को ऑस्कर में अवॉर्ड मिला है। ‘द एलिफेंट व्हिस्पर्स’ ने भी पुरस्कार जीता है। अच्छी बात ये है कि ये दोनों ही अवॉर्ड दक्षिण भारतीय फिल्मों को मिले हैं। हमें बेहद खुशी है।
मेरा आग्रह है कि रूलिंग पार्टी इसका क्रेडिट नहीं ले कि हमने इसे डायरेक्ट किया है, हमने इसे लिखा है। मोदी जी ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है। खडग़े ये बोलते हुए जोर-जोर से हंसने लगे। उनकी बात सुनकर सत्ता पक्ष में बैठे पीयूष गोयल, एस जयशंकर भी जमकर ठहाका लगाने लगे।
जया बच्चन ने खडग़े के दक्षिण वाले बयान पर जताई नाराजगी
समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने खडग़े के दक्षिण भारतीय फिल्म के ऑस्कर जीतने वाले बयान पर नाराजगी जताई। जया ने कहा- हमें बेहद खुशी है कि ऑस्कर से हमें पहली बार दो अवॉर्ड मिले। ये मैटर नहीं करता है कि वे ईस्ट, साउथ, वेस्ट या नॉर्थ के हैं। हम सभी भारतीय हैं। मुझे बेहद खुशी है कि हमारे फिल्म जगत ने कई बार देश का नेतृत्व किया है। सत्यजीत रे से लेकर अब तक।
उपराष्ट्रपति बोले- अगर मैं वकील नहीं होता तो फिल्मों में होता
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी भारतीय फिल्मों के ऑस्कर जीतने पर खुशी जताई। धनखड़ ने इसी बहाने अपनी पुरानी कहानी सुनाई। 71 साल के धनखड़ ने कहा- अगर मैं वकील नहीं बनता, तो मैं निश्चित रूप से फिल्मों में होता।
सोनल मानसिंह ने बताया- नाटू शब्द कहां से आया
राज्यसभा सदस्य और नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने नाटू-नाटू के ऑस्कर जीतने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि नाटू-नाटू शब्द की चर्चा खूब हो रही है। ये शब्द नटराज नृत्य से आया है और ये नृत्य सबने देखा। पूरी दुनिया उस पर नाच रही है। उन्होंने द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि गणेश हमारे आराध्य देव हैं, गणेश हमारे लिए प्रथमेश हैं। हाथी हमारी हस्ती है, तो उनको भी एक तरीके से आदर दिया गया है। सम्मान दिया गया है। ये हमारे लिए खुशी की बात है।
सुधांशु त्रिवेदी ने भरत मुनी के नाट्य शास्त्र का जिक्र किया
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कला की इस अभिव्यक्ति के संदर्भ में जो सुंदर समन्वय दिल में आया, उसे मैं सदन के पटल पर रख दूं। सोनल मानसिंह ने कहा कि नाटू शब्द की उत्पत्ति नटराज शब्द से हुई है और भारतीय संस्कृति में जो सबसे बड़ा ग्रंथ है वो भारत मुनि का नाट्य शास्त्र है, जिसमें 9 रस है।
उसमें शांत रस का प्रयोग नहीं किया जाता है क्योंकि नाट्य में उसकी अभिव्यक्ति संभव नहीं है। 8 प्रयोग किए जाते हैं। ये दक्षिण भारत की दो फिल्मों से हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि तमिल संस्कृति में दोलीकप्यम में जो उसी के समकक्ष है 9 रस हैं। उसमें भी शांत रस की अभिव्यक्ति नहीं होती है और 8 रस ठीक उसी सीक्वेंस में हैं जैसा भरत मुनि के नाट्य शास्त्र में है।
मुझे लगता है कि इस नाटू शब्द की उत्पत्ति जिस शब्द से है उसमें भी सुंदर समन्वय दक्षिण से उत्तर का दिखता है। जो अमृतकाल के लिए बहुत सकारात्मक संदेश है।

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