सनातन धर्म की परंपराओं को जीवंत रखना का माध्यम से श्रीरामलीला मंचन

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अवधनामा संवाददाता 

 

ललितपुर। नृसिंह रामलीला समिति के तत्वावधान में तालाबपुरा स्थित श्री नृसिंह रामलीला मैदान में सनातन धर्म की परंपराओं को जीवित रखने के लिए कलाकारों द्वारा नित नए वर्णनो का मंचन कर लोगों को धर्म के प्रति समर्पित होने का संदेश दे रहे हैं। रामलीला के चौदहवें दिवस में भरत मिलाप, राजगद्दी, एवं पुरस्कार वितरण कर समापन की लीला का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम लीला के प्रथम दृश्य में भगवान श्री गणेश जी की आरती की गई व इसके उपरांत राजाराम सरकार के जयकारे लगाए गए। इसके उपरांत लीला के दूसरे दृश्य में रामचंद्र जी ने लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद वहां का राज रावण के भाई विभीषण को सौंप दिया इसके पहले किष्किंधा के राजा वाली को मारने के बाद उन्होंने वहां का राज उसके भाई सुग्रीव को सौंपा व लीला के तीसरे दृश्य में श्री राम माता सीता और भाई लक्ष्मण हनुमान जी अयोध्या लौटे तो वहां पर भरत जी एवं अयोध्या वासियों ने प्रभु श्री राम का हार्दिक स्वागत किया। उस दौरान प्रभु श्री राम और भरत जी का मिलाप होता है इसके बाद बहुत धूमधाम से श्री राम जी का राज्य अभिषेक होता है। इसके बाद श्री लक्ष्मी नृसिंह मंदिर के महंत गंगादासजी महाराज के द्वारा कलाकारों को पुरस्कार वितरण किए गए और यहीं पर रामलीला के कार्यक्रम का समापन किया गया। पात्र कलाकार भगवान श्री गणेश की भूमिका में कमलेश पाठक राम रुद्र प्रताप सिंह लक्ष्मण गर्वित प्रताप सिंह तोमर सीता कृष्ण प्रताप सिंह हनुमान कृष्णकांत तिवारी सुग्रीव प्रदीप गोस्वामी  जामवंत पवन सुडेले अंगद रोहित चतुर्वेदी  जगदीश पाठक शास्त्री शंकर जी निखिल पाठक कैकयी त्रिवेणी राजा कौशल्या रोहित राजा सुमित्रा मनीषा सुमंत विजयकांत सुडेले विभीषण शिव शंकर सुडेले निषाद राज वेदांश चौबे  वशिष्ठ शुभम कौशिक वानर सेना रोहित राजा विशाल विकास तरुण वरुण गोलू डांसर बबलू माते जैकब जगदीश रैकवार गोविंदा आदि शामिल रहे।

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