श्रावणी मेला 22 जुलाई से मेला शुरू होगा। मेले में आने वाले कांवरियों को बेहतर सुविधा देने के लिए जिला व मंदिर प्रशासन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। भक्तों को इस दौरान हर साल की तरह अरघा के माध्यम से जलार्पण कराया जायेगा।
22 जुलाई को कांचा जल पूजा के बाद बाबा मंदिर में अरघा लगया जायेगा। उसके बाद बाबा की दैनिक सरदारी पूजा होगी। दैनिक सरदारी पूजा संपन्न होने के बाद पुरोहित समाज के लोग भी अरघा के माध्यम से ही पूजा करेंगे। बाबा मंदिर में लगने वाले मुख्य व तीन बाह्य अरघा की मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है। कोलकाता से अरघा की मरम्मत व इसकी पॉलिश का काम पूरा होने के बाद बाबा मंदिर में पहुंचा दिया गया।
मंदिर मुख्य प्रबंधक ने अरघा का निरीक्षण कर इसे सुरक्षित रखवा दिया। मेले में चार अरघा से होगा जलार्पण बाबा मंदिर में श्रावणी मेले के दौरान चार अरघा लगाया जायेगा। एक मुख्य अरघा जो बाबा मंदिर के मंझला खंड में लगेगा। यहां पर आम कतार तथा कूपन लेकर आये भक्त जलार्पण व बाबा का दर्शन कर बाहर निकलेंगे। वहीं तीन बाह्य अरघा जो की निकास द्वार के पास नीर कुंड के निकट लगाया जायेगा।
यहां पर असहाय व कम समय में जलार्पण की चाहत रखने वाले लोग जलार्पण करेंगे। इस अरघा का जल पाइप लाइन के माध्यम से नीर कुंड के रास्ते बाबा पर अर्पित होगा। वहीं कांवरिये बाबा मंदिर की छत पर लगे बड़े एलइडी स्क्रीन में देख बाबा का दर्शन कर सकेंगे।