22 लाख परिवारों को नहीं मिलेगा तत्काल लाभ
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया सोमवार को अन्न भाग्य योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की शुरुआत करेंगे। राज्य में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले लगभग 22 लाख परिवारों को तुरंत सहायता नहीं मिल सकती है, क्योंकि उनके पास बैंक खाते नहीं हैं।
कर्नाटक में अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों के 1.28 करोड़ राशन कार्ड हैं और इनमें से 99 प्रतिशत कार्ड आधार संख्या से जुड़े हैं। इनमें से 82 प्रतिशत यानी 1.06 करोड़ कार्ड सक्रिय बैंक खातों से जुड़े हुए हैं। उन कार्ड धारकों को नकदी हस्तांतरित कर दी जाएगी।
एक आधिकारिक बयान में रविवार को कहा गया कि शेष कार्ड धारकों को नए खाते खोलने के लिए सूचित किया जाएगा। कुल 1.27 करोड़ राशन कार्डों में एक सदस्य को परिवार के मुखिया के रूप में नामित किया गया है। इसमें कहा गया है कि नकदी परिवार के मुखिया के खातों में स्थानांतरित की जाएगी। उनमें से 94 प्रतिशत महिलाएं और पांच प्रतिशत पुरुष हैं।
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने पर राज्य में अन्न भाग्य योजना के तहत प्रत्येक बीपीएल परिवार के सदस्य को 10 किलो चावल देने का वादा किया था। कर्नाटक के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के एच मुनियप्पा के अनुसार, पूरा पैसा एक पखवाड़े में लाभार्थियों के खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।