मुख्यमंत्री ने कहा, देश के स्वतंत्रता संग्राम में असम की भूमिका भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान आज ही के दिन गहपुर थाने में यूनियन जैक को उतारकर तिरंगा झंडा फहराते हुए शहीद होने वाले कानलता बरुवा और मुकुंद काकती को याद किया गया। गहपुर शहर में कनकलता बरुवा और मुकुंद काकती की कांस्य प्रतिमा के सामने लोगों ने दीपक जलाया तथा बारंगबाड़ी स्थित शहीदों के समाधिस्थल पर माल्यार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ देश के स्वतंत्रता संग्राम में असम की भूमिका भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में चमकता है और सदियों तक यह चमकता रहेगा। 1942 के भारत त्याग आंदोलन में कई महान असम के शहीदों ने देश की आजादी के लिए हमारे राज्य के विभिन्न स्थानों पर तिरंगा झंडा फहराने के लिए लड़ाई लड़ी। इस पवित्र दिवस पर त्याग और देशभक्ति की अद्वितीय मिसाल दिखाने वाले इन महान सेनानियों के साथ देश के स्वतंत्रता संग्राम के सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि।
उन्होंने कहा है कि हम पूरे भारत में हमारे असम के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं और हम भविष्य में उनके योगदान को स्वीकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।