कनाडाई पॉपस्टार जस्टिन बीबर ने सोशल मीडिया पर आकर खुद के लाइम डिजीज और गंभीर मोनोन्यूक्लियोसिस से ग्रस्त होने की बात कही है. उनके सामने आने से दुनिया का ध्यान इस बीमारी की ओर गया है.
जस्टिन बीबर ने बताया कि वह धीरे धीरे बेहतर हो रहे हैं. इंस्टाग्राम पर अपनी बीमारी के बारे में बीबर ने कहा कि हाल ही में कई लोगों ने उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्हें देख कर लगता है जैसे वह ड्रग्स ले रहे हों. इस पर दुख जताते हुए बीबर ने कहा कि अब वह लाइम बीमारी के साथ अपने संघर्ष के बारे में लोगों को बताने जा रहे हैं.
बीबर को इस बीमारी का संक्रमण एक पिस्सू के काटने से हुआ. 25 साल के गायक ने कहा, “पिछले कुछ साल काफी मुश्किल रहे हैं लेकिन अब तक लाइलाज मानी जाने वाली इस बीमारी का सही इलाज मिलने से मैं भी ठीक हो जाऊंगा और शायद पहले से भी बेहतर हो जाऊंगा.” लेकिन उन्होंने आलोचकों के बारे में कहा कि उनके रूप रंग पर अनुचित टिप्पणियां की गईं. कहा गया कि लगता है बीबर “मेथ ले रहा है.”
बीबर अपनी बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहते हैं कि उन्हें ना केवल लाइम डिजीज है बल्कि मोनोन्यूक्लियोसिसऐसी नाम का रोग भी है. मोनोन्यूक्लियोसिस, एक क्रॉनिक मोनो कंडीशन है जिसके कारण त्वचा, दिमाग की गतिविधि, ऊर्जा और कुल मिलाकर सेहत प्रभावित होती है. पिछला पूरा एक साल बीबर ने तकलीफ में बिताया जब तक कि उनकी बीमारी का सही सही पता नहीं चल पाया था.
अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, सीडीसी के अनुसार, लाइम डिजीज इंसानों में संक्रमित पिस्सू के माध्यम से पहुंचती है. इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, थकान रहना, जोड़ों में दर्द और “बुल्स आई” कहे जाने वाले चकत्ते शामिल हैं. इसके 70 से 80 फीसदी संक्रमणों में ऐसे चकत्ते होते हैं. जल्दी पकड़ में आ जाए तो ज्यादातर लोगों को एंटीबायोटिक्स की मदद से ठीक किया जा सकता है. सीडीसी के अनुसार, कई मामलों में देर से पता चलने पर संक्रमण काफी गंभीर रूप ले सकता है.
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