पहलगाम में हुए आतंकी हमले से बच निकलने वाले महाराष्ट्र के एक परिवार ने अपनी कहानी बताई है। उन्होंने कहा- यह घटना तब हुई जब हम उस जगह से बस निकले ही थे। हम काफी देर तक गोलियों की आवाज सुनते रहे। हर कोई वहां से भागने की कोशिश कर रहा था। हम घटनास्थल से 20 फीट की दूरी पर थे।
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के समय घटनास्थल पर मौजूद महाराष्ट्र के नागपुर से आए एक पर्यटक दंपती ने बताया, ‘यह घटना उस समय हुई जब हम घटनास्थल से निकले ही थे। हम काफी देर तक गोलीबारी की आवाज सुनते रहे। हर कोई वहां से भागने की कोशिश कर रहा था। हमने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि हम बस वहां से भागना चाहते थे।’
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पूरे देश में दहशत का माहौल है। मंगलवार की दोपहर पर्यटकों ने आतंकियों पर हमला किया। इस हमले में दो विदेशी पर्यटकों समेत 27 लोगों की मौत हो गई। इस बीच महाराष्ट्र से कश्मीर आए एक टूरिस्ट ने हमले की दास्तां बयां की है। अच्छी बात ये है कि जब ये हमले हुआ उससे कुछ मिनट पहले ही ये महाराष्ट्र का परिवार पहलगाम से निकला था।
‘हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा’
नागपुर से आए व्यक्ति ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘यह घटना तब हुई जब हम उस जगह से बस निकले ही थे। हम काफी देर तक गोलियों की आवाज सुनते रहे। हर कोई वहां से भागने की कोशिश कर रहा था। हम असली जगह से 20 फीट की दूरी पर थे। हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि हम बस वहां से निकलना चाहते थे।
पत्नी और बेटी की चिंता थी…
आदमी ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ भागते हुए कहा कि एग्जिट गेट बहुत छोटा था, केवल 4 फीट- और वहां बहुत सारे लोग थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे अपनी पत्नी और बेटे की सुरक्षा की चिंता थी। मेरी पत्नी के पैर में फ्रैक्चर हो गया।
वहीं अस्पताल के बिस्तर पर लेटी महिला से जब हमले के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा-लोग चिल्ला रहे थे ‘फायरिंग हो रही है’ और वे भागते रहे। लोग पीछे से आ रहे थे और धक्का दे रहे थे। हमने पीछे मुड़कर बिल्कुल नहीं देखा। वहां बच्चे भी थे। हमें बाहर निकलने में बहुत मुश्किल हो रही थी।