अवधनामा संवाददाता
सिद्धार्थनगर। पत्रकार एवं पत्रकारिता के स्तर को गिराने एवं पत्रकार की छवि को धूमिल करने मैं किसी और की भूमिका नहीं स्वयं पत्रकार ही जिम्मेदार हैं। एक दौर था जब पत्रकार अपनी लेखनी के जरिये सामाजिक हित में बड़े आंदोलनों को जन्म दिया वह समाज ने पत्रकार को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं। पत्रकारिता पर व्यवसायिकता हावी हो गई है, जिसका सीधा असर समाज में पड़ रहा है और समाज की पत्रकार की छवि धूमिल हो रहीं। आपको बताते चले की हाल ही में एक पत्रकार द्वारा शोहरतगढ़़ तहसील मुख्यालय पर मानक विहीन कार्य की कमी को उजागर कर शासन प्रशासन के सामने रखने का काम करते आ रहें हैं जिसे किसी भी तरह की जनता के साथ पत्रकारों द्वारा शोषण न किया जा सके और समय रहते प्रशासन द्वारा मानक विहीन पत्रकारों की कार्रवाई की जा सकें। लेकिन वहीं पर जनता को संरक्षण देने वाले कुछ चुनिंदा पत्रकार भी हैं जो कमियों को उजागर होने के बाद अपना आपा खो दिये और लगातार ब्रेकिंग डिलीट करने की बात की और दबाव बनाकर डिलीट भी करवाया। संरक्षण देने वाले पत्रकार इससे भी नहीं खुश हुए, कमी को उजागर करने वाले पत्रकार की छवि को धूमिल करने के लिए थाने से भी फोन कराया गया। यही वजह है कि कुछ व्यवसायिक पत्रकारों की वजह से आज समाज में पत्रकार और पत्रकारिता का स्तर गिरता नजर आ रहा है और पत्रकारों की छवि धूमिल हो रही है इसके जिम्मेदार कुछ चुनिंदा पत्रकार स्वयं हैं। कुछ पत्रकारों की वजह से आज समाज में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ बहुत ही गिरे स्तर से देखा जाता है।
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