अवधनामा संवाददाता
कुशीनगर। महिला पुलिस के खिलाफ पत्रकार अखिलेश तिवारी द्वारा किये गये ट्विट के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से पत्रकार पर दर्ज किये गये मुकदमे के विरोध मे गुरुवार को जिले के पत्रकार लामबंद हुए। जिला मुख्यालय स्थित बुद्धा पार्क में इकट्ठा हुए सभी पत्रकारों ने पुलिसियां कार्रवाई की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौप मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग की है।
जनपद के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट से जुड़े सैकड़ो पत्रकारों ने जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के सामने बुद्धा पार्क में इकठ्ठा होकर हाथों पर काली पट्टी बांध शान्तिपूर्ण मार्च निकालते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। यहां पत्रकारों ने पत्रकार अखिलेश तिवारी पर लगे आरोप की निष्पक्ष जाँच कराने के लिए एसपी को ज्ञापन सौपा। एसपी की ओर से संतोषजन आश्वाशन न मिलने पर सभी पत्रकार साथी जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे और डीएम से मिलकर वायरल वीडियो को अखिलेश तिवारी द्वारा ट्विट किये जाने पर एफआईआर में लगाये आरोपो की निष्पक्ष मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग किया।
महिला कांस्टेबल ने लगाया यह आरोप
तरयासुजान थाने पर तैनात महिला आरक्षी ने उक्त थाने में 20 दिसम्बर को एक तहरीर देकर पत्रकार अखिलेश तिवारी पर गम्भीर आरोप लगाया है। महिला कांस्टेबल ने अपने तहरीर मे कहा की एक महिला कांस्टेबल के जन्मदिन पर महिला कांस्टेबल साथी ऑफ ड्यूटी बिना वर्दी के आवासीय कमरे में डांस कर रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अखिलेश तिवारी पत्रकार द्वारा लुक- छुप कर बना लिया गया और उसे 20 दिसम्बर को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया जिससे हम लोगो की लज्जा को ठेस पहुची हैं। महिला कांस्टेबल के इस तहरीर पर पुलिस ने प्रकरण की बिना जांच किये पत्रकार अखिलेश तिवारी पर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। इसको लेकर पत्रकारों ने पुलिस एकपक्षीय व अन्याय पूर्ण कार्रवाई का विरोध प्रदर्शन किया हैं।
पत्रकार अखिलेश बोले
पत्रकार अखिलेश तिवारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुझे बीस तारीख को एक वायरल वीडियो मिला जिसे मैंने पहले थानाध्यक्ष से कन्फर्म किया फिर अपने संथान को भेजा फिर उसे ट्वीट किया। जिस पर महिला कांस्टेबल ने मेरे द्वारा वीडियो बनाये जाने का आरोप लगाया जो पूरी तरह गलत हैं । हालांकि अपने ट्वीट के बाद मैं एक और पोस्ट कर किसी की भावना आहत न करने के साथ माफी भी मांगी हैं। उन्होंने कहा कि वह अक्सर पुलिस और लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध उच्च अधिकारियों को ट्वीट के जरिये जानकारी देता रहता हूं। जिससे पुलिस महकमा काफी खार खाया हुआ था और मेरी कलम रोकने की नीयत से आनन- फानन में मुकदमा दर्ज किया।