शहर के रातानाडा स्थित सुभाष चौक मालियों की गली में रहने वाली एक सेवानिवृत डॉक्टर को शातिरों ने अपने ठगी का शिकार बनाते हुए जीवन भर की पूंजी साफ कर दी। पीडि़त महिला डॉक्टर को शातिरों ने कस्टम विभाग के अधिकारी बनकर बात की और पार्सल में ड्रग्स और फर्जी एटीएम कार्ड होने की जानकारी देते हुए 87 लाख रुपये खातों में डलवा दिए। पीडि़त सेवानिवृत महिला डॉक्टर की तरफ से अब रातानाडा थाने में इस बाबत केस दर्ज करवाया गया है। वे एसएन मेडिकल कॉलेज की प्रिंसीपल भी रह चुकी है। पुलिस ने बड़े स्तर पर हुई इस ठगी पर अब जांच पड़ताल आरंभ की है।
थानाधिकारी प्रदीप डांगा ने बताया कि मालियों का बास सुभाष चौक की रहने वाली सेवानिवृत महिला डॉक्टर अरूणा सोलंकी पत्नी ओमप्रकाश सोलंकी की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया है। इसमें बताया कि वे 70 साल की है। 31 जुलाई को उनके मोबाइल पर किसी शख्स प्रमोद कुमार का वाटसअप कॉल आया था और खुद को मुंबई कस्टम विभाग का अधिकारी बताया। उसने कहा कि उनके द्वारा ग्लाेबल इंटरनेशनल को एक पार्सल भेजा गया था जिसमें ड्रग्स, फर्जी एटीएम कार्ड और अन्य सामान भेजा गया है। आपको गिरफ्तार किया जाएगा। इस पर सेवानिवृत अरूणा सोलंकी ने कहा कि उनके द्वारा कोई पार्सल नही भेजा गया है तो शातिर प्रमोद कुमार ने अपने सीनियर ऑफिसर सुनील कुमार से बात कराई। इस पर सुनील कुमार ने उक्त जानकारी के साथ ही चार पत्र वाटसअप पर भेजे जिसमें सीबीआई अरेंस्टिंग, वारंट, एसेज ऑर्डर एवं केस के बारे मेें जानकारी थी। फिर शातिर ने उनसे बैंक एकाउंट एवं प्रोपर्टी के बारे में जानकारी मांगते हुए आधार कार्ड नंबर आदि लिए। बाद में उन्हें किसी अनिल यादव से बात कराई।
अनिल यादव नाम के शख्स ने कहा कि उन्हें सब बातों से बचना है तो वे 51 लाख रुपये आर्मी डिमाउंड के नाम पर ट्रांसफर करें। वरना 28 अगस्त को अरेस्ट की धमकीं दी गई। सेवानिवृत डॉक्टर अरूणा सोलंकी घबरा गई और उन्होंने अपनी एफडी तुड़वाकर उनके खातों में 21 लाख रुपये जमा करवाए। 3 सितंबर को बदमाशों ने उन्हें नो क्राइम बॉण्ड प्राप्त करने के लिए जिसके एवज में 5 लाख रूपए मांगे गए। तब डॉक्टर अरूणा ने यह सब करने से मना कर दिया। इस पर उन्होंने धमकाया कि वे देश विदेश में कहीं भी यात्रा नहीं कर पाएंगी। इसलिए बॉण्ड भरना पड़ेगा, तब उन्होंने फिर 2 लाख रूपए उनके खातों में भेज दिए। कुल मिलाकर सेवानिवृत महिला डॉक्टर अरूणा सोलंकी से 87 लाख रुपये ऐेंठ लिए गए। गुरुवार को वे रातानाडा थाने पहुंची और केस दर्ज करवाया।
थानाधिकारी प्रदीप डांगा ने बताया कि सेवानिवृत महिला डॉक्टर पहले मेडिकल कॉलेज की प्रिंसीपल भी रह चुकी है। ठगी के इस बड़े स्तर की जांच पड़ताल आरंभ की गई है। रुपयों को रिफंड करवाने के लिए कवायद शुरू की गई है।