जिले में आज भी सूदखोर सक्रिय हैं, और चूंकि अशिक्षित लोग बैंक की कागजी प्रक्रियाओं से ज्यादा परिचित नहीं होने से गैर लायसेंसी व्यक्ति से भी ब्याज पर रुपया ले लेते हैं, ऐसे में सूदखोर उसके अज्ञान का लाभ उठाते हुए ऊंची ब्याज दर पर रुपया देकर उन्हें अपने चंगुल में फंसा लेते हैं और उनसे मूलधन से कई गुना ज्यादा राशि की मांग करते हुए उन्हें भयाक्रांत करते हैं, यही नहीं बल्कि मांगी गई राशि नहीं देने पर उनकी जमीन तक कब्जा लेते हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के रानापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बुधाशाला में प्रकाश में आया है, जहां के एक आदिवासी द्वारा ब्याज पर लिए गए डेढ़ लाख रुपए की एवज में सूदखोरों ने रुपए 24 लाख की मांग की, और उक्त रकम नहीं देने पर उस आदिवासी की जमीन पर कब्जा कर लिया।
उक्त मामले में दी गई जानकारी में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस रुपरेखा यादव ने सोमवार को बताया कि फरियादी झीगुं पुत्र पाना डामोर उम्र 55 साल निवासी बुधाशाला ने अपने पुत्र की शादी के लिए गांव के व्यक्ति रतन पुत्र पांगु मंडोड निवासी बुधाशाला व पांगु पुत्र मानसिंह मंडोड़ निवासी बुधाशाला से 1,50,000 रुपये बगैर लायसेंस के ऊंची ब्याज दर से उधार लिए थे, जिसका अधिक ब्याज लगा कर ऋणदाताओं द्वारा दी गई रकम के 10 गुना से भी अधिक 24 लाख रुपये की मांग की गई, फरियादी द्वारा रुपये नही देने पर सूदखोरों ने फरियादी की जमीन पर कब्जा कर लिया और रुपयों के लिये अश्लील गालिया देकर मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी।
एसडीओपी के अनुसार इस संबंध में फरियादी द्वारा एक लिखित आवेदन थाना प्रभारी रानापुर दिनेश रावत के समक्ष प्रस्तुत किया गया था ,जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आरोपी रतन पुत्र पांगु मंडोड निवासी बुधाशाला एवं पांगु पुत्र मानसिंह मंडोड निवासी बुधाशाला के विरुध्द थाना राणापुर पर अपराध क्रमांक 642/2024 धारा 296,351(2),119(1) बीएनएस एवं 3/4 मध्यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है।
थाना प्रभारी रानापुर दिनेश रावत ने सोमवार को कहा कि मामले में फरार आरोपितों की गिरफ्तारी हेतु आज पुलिस दल गया था, किंतु उन्हें सफलता नहीं मिली। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है, और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।