निजामुद्दीन में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम के 2000 से ज्यादा लोगों के एक जलसे में शामिल होने की खबरें सामने आने के बाद अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने दारुल उलूम देवबंद से कहा था है कि जब तक कोरोना वायरस है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवा जारी करें. उनके बयान पर बॉलीवुड के मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर लगातार रिएक्शन दे रहे हैं.
जावेद ने किया नया ट्वीट
जावेद ने ट्विटर की मदद से कई बातें कहीं. अब उन्होंने बताया है कि वे मस्जिदों को बंद करने का समर्थन क्यों कर रहे हैं. जावेद अख्तर ने एक नया ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘हां, मैं फतवे की इस मांग का समर्थन करता हूं, इसलिए नहीं क्योंकि मुझे उनके मार्गदर्शन की जरूरत है. लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर उनका स्पष्ट रुख क्या है. न ज्यादा न कम.’ जावेद के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
इससे पहले जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा था, ‘ताहिर महमूद साहेब जो कि एक स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा है कि दारूल उलूम देवबंद कोरोना काल खत्म होने तक के लिए मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें. मैं पूरी तरह से उनकी इस मांग का समर्थन करता हूं. अगर काबा और मदीना की मस्जिद बंद की जा सकती हैं तो भारत की मस्जिदों को क्यों बंद नहीं किया जा सकता?’