उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में जश्ने उर्दू: दूसरा दिन रोमांचित करता है उर्दू ड्रामें का इतिहास

0
133

उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में जश्ने उर्दू: दूसरा दिन रोमांचित करता है उर्दू ड्रामें का इतिहास
लखनऊ 28 नवम्बर। उर्दू शायरी  की ही तरह उर्दू नाटकों और रंगमंच की भी उत्कृष्ट परम्परा रही है। देश में फिल्मों का दौर प्रारम्भ होने से पहले उन्नीवीं सदी के उत्तरार्ध से लेकर बीसवीं सदी का पूर्वाध मुख्यतः उर्दू भाषा से प्रेरित रहे पारसी शैली के रंगमंच के नाम रहा है। आधुनिक काल में उर्दू के रेडियो नाटकों के साथ ही उर्दू नाटकों ने भारतीय रंगमंच को समृद्ध किया है। आगा हश्र कश्मीरी को उर्दू ड्रामों का पितामह कहा जाता है। तालिब बनारसी, सय्यद मेहदी हसन, अहसन लखनवी और पण्डित नारायन प्रसाद बेताब जैसे अनेक मशहूर उर्दू नाटककार हुए हैं। आज के सोशल मीडिया के दौर में नई तकनीकों को लेकर नई तरक्की हासिल कर रहे उर्दू रंगमंच का सफर रोमांचित करता है।
यह कहना था उन वक्ताओं का जो यहां उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में आयोजित जश्ने उर्दू के दूसरे और समापन दिवस सुबह के पहले सत्र में शामिल थे। वक्ताओं ने यहां प्रगतिशील आंदोलन का ज़िक्र करते हुए बताया कि तरक्की पसंद ड्रामा निगारों में सआदत हसन मंटो, मिर्जा अदीब, उपेन्द्र नाथ अशक के अलावा कन्हैयालाल कपूर और इस्मत चुग्ताई प्रमुख थे। एसके प्रसाद के संचालन में चले इस सत्र के वक्ताओं में,सीमा मोदी, मंजुल आजाद,निशा व यूसुफ खान शामिल थे।


उर्दू शिक्षा पर केन्द्रित दूसरे सत्र में नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह, रजिया नवाज, एएन नासिर व अब्दुल वहीद ने आह्वान किया कि जो लोग उर्दू जानते हैं और बोलते हैं, उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए प्रदेश और देश भर में उर्दू माध्यम स्कूलों की स्थापना के लिए एक अभियान शुरू करना चाहिए। उर्दूं जानने वालों के लिए यह न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगा बल्कि उर्दू के महत्व को भी बढ़ाएगा। वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों में उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा मिला है। अगले सत्र में,शाहिद, निगहत खान, जुनैद व प्रियंका गुप्ता ने उर्दू संस्कृति और परम्पराओं पर विचार रखे। संचालन वाॅमिक खान ने किया ।
इस मौके पर मोहसिन खान की किताब ‘अल्लाह मियां का का कारखाना’ का विमोचन नवाव जाफर मीर अब्दुल्लाह, एएम तुरज,महाभारत फेम अर्जुन और प्रो अशर्फी कर कमलों से हुआ। आखिर में शहरयार जलालपुरी के संचालन में हुए मुशायरें में शहरयार जलालपुरी ,सरला शर्मा , रूबीना अयाज़, फरू क़ादिल, शाहबाज़ तालिब शामिल हुए। इसके अलावा श्रोताओं के सामने एएम तुराज ने तुरजनामा की पेशकश रखी। जश्ने उर्दू के पहले सीजन में विभिन्न विभूतियों को अल्लामा इक़बाल एवार्ड से रोहित कुमार, मीनाक्षी त्रिपाठी,ए एन नासिर, अज़हर मिर्ज़ा, एम शमशाद,एसएन लाल, कुदरत खान को संस्था के अध्यक्ष संजय सिहं व सचिव वाॅमिक खान ने नवाज़ा।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here