जमुरिया घटी पर छोड़ गई तबाही के निशान, दर्द ऐसा कि कोई दवा नही कारगर

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पानी घटा अब नजर आ रही करोड़ों की तबाही, भरपाई नामुमकिन
96 घण्टे बाद भी पल्हरी पॉवर हाउस से नही सुचारू हुई बिजली आपूर्ति

बाराबंकी। जमुरिया का रौद्ररूप फिलहाल शांत हुआ है। जलस्तर घटने से पीड़ित आबादी ने राहत की सांस तो ली पर तबाही के निशान साफ दिख रहे हैं। घर से गन्दा पानी साफ कर जब लोगों ने भीतर का नजारा देखा तो हालात द्रवित करने वाले थे, घर गृहस्थी का करोड़ो का सामान पानी की भेंट चढ़कर बर्बाद हो गया। उधर जलमग्न घरों की संख्या सैकड़ो में है वहां पानी जस का तस जमा हुआ है। बारिश थमने के बाद भीषण उमस का सामना कर रहे आधे शहर को 96 घण्टे बाद भी सुचारू बिजली नसीब नही हो सकी है। हालात बदतर बने हुए हैं।
जमुरिया का पानी भीषण बारिश का साथ पाकर ऐसा उफनाया कि जलस्तर घटने के बाद भी तबाही के निशान पीछे छोड़ गया। बारिश थमे आज चौथा दिन है पर शहर का जनजीवन पटरी पर नही आ सका है। मार्गो का पानी साफ हुआ, दुकानों में जमा पानी निकल गया लेकिन पानी मे पूरी तरह जलमग्न आबादी का फिलहाल वापस लौटना मुश्किल लग रहा है। जबकि जमुरिया के किनारे बसे मोहल्लों में पानी तो उतर गया लेकिन अब घर के भीतर का नजारा देख लोगबाग दंग और परेशान हैं। घर उपयोगी वस्तुएं, अनाज, बिजली उपकरण तो पानी की भेंट चढ़े ही साथ ही दोपहिया व चौपहिया वाहन पानी मे ऐसा डूबे कि उनका सही हो पाना न के बराबर है। एक अनुमान के मुताबिक लोगों ने करोड़ों का नुकसान सहा है जिसकी भरपाई नामुमकिन है। इसी तरह पल्हरी पॉवर हाउस से जुड़े उपभोक्ता 96 घण्टे बीत जाने के बाद भी बिजली को तरस रहे हैं। पीने के पानी का गम्भीर संकट बना हुआ है वही भीषण उमस के चलते लोगों की रातों की नींद गायब है। बताया जा रहा है कि उपकेन्द्र पर पानी भर जाने से आपूर्ति प्रभावित है लेकिन असल मे यह बिजली विभाग की हद दर्जे की लापरवाही और दशकों से की जा रही उपेक्षा का नतीजा है।

बदहाली और उपेक्षा नगरवासियों का बन गया नसीब

शहरवासियों का नसीब ही खोटा है। बदहाली और उपेक्षा ही इनके हिस्से आती रही है। नगर पालिका जिला प्रशासन बिजली विभाग ने नगरवासियों को बेहद निराश किया है। नगर पालिका के अनियोजित विकास बेतरतीब निर्माण कार्य, जिला प्रशासन द्वारा लगातार उपेक्षा और समस्याओं के स्थाई निदान के प्रति उदासीनता के साथ ही बिजली विभाग की काम चलाऊ आदत का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ा है और आगे भी भुगतना पड़ेगा क्योंकि हालिया घटना और करोड़ो की तबाही से नगर पालिका व जिला प्रशासन कोई सबक लेता नही दिखता। जमुरिया में उफान कोई नई बात नही हर बार तेज बारिश के बाद पानी तेजी से फैला है और घरों के घेरा है। वह चाहे 2008 हो या फिर 2020 से अब तक हो। जमुरिया के रौद्ररूप ने सिर्फ तबाही ही मचाई है पर इस समस्या के स्थाई निराकरण की दिशा में कोई प्रयास नही हुआ हां जमुरिया को कागज पर सुंदर बनाने के नाम पर करोड़ों के वारे न्यारे के प्रयास होते जरूर दिखे।

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