सुलतानपुर । डॉ.जयसिंह व्यथित का साहित्य समाज को रोशनी देने वाला है। उनका साहित्य मानवीय संबंधों को उष्मा देकर दिलों को जोड़ता है।
यह बातें वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु ने कहीं। वह शनिवार को कादीपुर तहसील के रानेपुर गांव में चर्चित अवधी साहित्यकार डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के आवास पर गुजराती हिन्दी साहित्यकार डॉ जयसिंह व्यथित की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह को बतौर अध्यक्ष सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्य अतिथि लम्भुआ क्षेत्र के समाजसेवी पूर्व प्रधानाचार्य हनुमान सिंह अभिषेक ने कहा कि डॉ जयसिंह व्यथित का व्यक्तित्व और कृतित्व इतना बड़ा था कि हम उन्हें कभी भुला नहीं सकते। उनकी यशगाथा उनके किये गये कार्यों को प्रमाणित करती है। विशिष्ट वक्ता साहित्यिक पत्रिका अभिदेशक के सम्पादक डॉ.ओंकारनाथ द्विवेदी ने कहा कि व्यथित खड़ी बोली ,अवधी व गुजराती के अच्छे रचनाकार थे। उनकी रचनाएं कालजयी हैं। कहानीकार दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश ने कहा कि जयसिंह व्यथित ने अपने समय के सत्य को नये संदर्भ में रेखांकित किया है। आलोचक सुरेश चन्द्र शर्मा ने कहा डॉ जयसिंह व्यथित का समग्र रचनाकर्म मानवता का विशाल दस्तावेज है। संत तुलसीदास पीजी कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ करुणेश प्रकाश भट्ट ने बताया जयसिंह व्यथित ने अनेक विधाओं में सृजन कर गद्य और पद्य साहित्य को समृद्ध किया है।
समारोह में डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप , श्रीनारायण लाल श्रीश, राममूर्ति यादव संग्राम सितारे हिंद, श्याम नारायण श्रीवास्तव, डॉ ओम अनादि गुप्त, हरि गोविंद सिंह,हरिनाथ शुक्ल हरि व अवनीश प्रताप पाण्डेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ राम प्यारे प्रजापति और आभार ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक पवन कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर देवी प्रसाद सिंह, राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय गड़बड़, शैलेन्द्र सिंह व आदर्श पाण्डेय आदि उपस्थित रहे। सभी ने डॉ जयसिंह व्यथित के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की ।
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