अवधनामा संवाददाता
अयोध्या । तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने रविवार काे अपने खून से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा। पत्र में उनके द्वारा मांग किया गया कि भारत काे जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। नही ताे वह अपनी पूर्व घाेषणा के अनुसार 7 नवंबर 2023 काे अन्न-जल का परित्याग कर आमरण-अनशन पर बैठे जायेंगे। परमहंसाचार्य ने कहा कि अक्टूबर हमारे लिए बहुत ही शुभ महीना है। क्योंकि इसी महीने में मैंने राममंदिर के लिए आमरण-अनशन किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला का भव्य मंदिर बन रहा। यही नही अक्टूबर महीने में ही मैंने सबसे पहले हिंदू राष्ट्र के लिए आवाज उठाई और जल समाधि लेने की घोषणा भी किया था। वर्तमान में हिंदू राष्ट्र के मांग की आवाज पूरे देश में उठ चुकी है। आज 2 अक्टूबर के दिन मैंने हिंदू राष्ट्र के लिए प्रधानमंत्री काे खून से पत्र लिखा है, जिसमें मांग किया गया है कि 6 नवंबर 2023 तक भारत काे हिंदू घोषित किया जाए। न ही ताे 7 नवंबर 2023 काे हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए अन्न-जल का परित्याग कर मैं आमरण-अनशन करूंगा। जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। पाकिस्तान-बांग्लादेश मुसलमानों काे दिया गया। जाे इस्लामिक राष्ट्र बन चुका है। इसलिए बंटवारे से बचा हुआ जाे भारत है। वह हिंदू राष्ट्र घोषित हाेना चाहिए। क्योंकि यदि भारत हिंदू राष्ट्र न बना। ताे न ताे संविधान बचेगा, न ही माताओं-बहनाें का सम्मान और न ही अदालतें बचेंगी। सब कुछ खत्म हाे जायेगा। सिर्फ जिहाद व आतंकवाद रह जायेगा। इसलिए भारतीय संस्कृति की रक्षा और देश की एकता-अखंडता के लिए भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित करने के सिवाय काेई दूसरा विकल्प नही है। उन्होंने कहा अभी से ही कुछ लाेग धमकी भी दे रहे हैं कि जब माेदी-याेगी नही रहेंगे। ताे हिंदुओं की रक्षा काैन करेगा? इसलिए भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना अति आवश्यक है। इसकाे लेकर मैंने पीएम काे खून से पत्र लिखा है। साथ ही हिंदुओं से अपील भी कर रहा हूं कि हिंदू राष्ट्र के लिए 7 नवंबर 2022 से पूरे देश में लाेग प्रधानमंत्री काे पत्र भेंजे। अगर 6 नवंबर 23 तक भारत हिंदू राष्ट्र नही घोषित हाेता है। ताे 7 नवंबर 2023 को सब लोग कमर कस लें। भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए आमरण-अनशन में सहभागी बनें। हम सब मिलकर भारत को हिंदू राष्ट्र बनायेंगे और देश काे बचायेंगे।
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