बंजरिया प्रखण्ड को बाढ़ग्रस्त घोषित नही करना दुर्भाग्यपूर्ण और आश्चर्य का विषय है।जबकि इस प्रखंड क्षेत्र में सिकरहना व उसकी सहायक नेपाली नदियो ने सर्वाधिक नुकसान किया है।उक्त बाते गुरूवार को कुमार मनोज सिंह जिला मुखिया संघ के पूर्व अध्यक्ष कुमार मनोज सिंह ने कही।
उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में बाढ़ की विकरालता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता कि यहां बाढ के पानी में डुबने से जिले का सर्वाधिक चार मौत हुई है।जैसे जैसे पानी कम हो रहा है।फसल बर्बादी की भयावहता साफ दिखने लगा है। गन्ना धान व मक्का की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। सड़के जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
पशुपालक मवेशियो के चारे के लिए दर-दर भटक रहे है।उन्होने बताया कि आपदा के समय यह परम्परा रहा है कि बाढ़ के आने के साथ ही पंचायत स्तरीय निगरानी व अनुश्रवण समिति बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची अनुशंसा के साथ अंचल को भेजता है और इसके बाद प्रखण्ड स्तरीय निगरानी समिति की बैठक में सूची को अनुमोदन करते हुए क्षेत्र को आपदा व बाढग्रस्त घोषित करते हुए जिला को प्रस्ताव पारित कर भेजता है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ देखने-सुनने को नहीं मिल रहा है। जो बहुत दुखद और पीड़ितो के साथ नाइंसाफी है।उन्होने जिला प्रशासन के साथ ही स्थानीय सांसद और विधायक से भी बंजरिया प्रखंड को बाढग्रस्त घोषित करने के लिए अपने स्तर से कारवाई करने का आग्रह किया है।