जीवन की रक्षा के लिए प्रकृति का संतुलन बनाना जरूरी: रामनाथ कोविंद

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अवधनामा संवाददाता

सहारनपुर। देश के निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि प्रकृति का संतुलन बचा रहेगा, तो हमारा जीवन भी बचा रहेगा। हम प्रकृति के जितना नजदीक रहेंगे, उतना ही बीमारी से बच सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरू बन चुका है। भारत को जी-20 के सम्मेलन में अध्यक्ष बनाया जाना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज यहां दिल्ली रोड स्थित प्रकृति कुंज मंे गौशाला का उद्घाटन करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों से सुना है कि भारत विश्वगुरू बनने जा रहा है, जबकि मेरा मानना है कि भारत विश्वगुरू बन चुका है। इण्डोनेशिया में आयोजित जी-20 के सम्मेलन में भारत को नेतृत्व सौंपना इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जी-20 में विश्व के सबसे बड़े व प्रमुख देश शामिल है। इसके अलावा रूस, यूक्रेन युद्ध के दौरान दो दिन तक लड़ाई को रोकने की ताकत सिर्फ हिन्दुस्तान के पास ही देखने को मिली। दो दिन तक हिन्दुस्तान के यूक्रेन में रहने वाले लगभग 10 हजार मेडिकल कॉलेज के छात्र तिरंगे को लेकर सीमाओं तक सुरक्षित पहुंच सकें, इसका श्रेय भी भारत को ही जाता है। उन्होंने कहा कि सहारनपुर की धरती काबिले तारीफ है, जिसने अनेक समाज सेवी व स्वतंत्रता सैनानी दिये है। उन्होंने कहा कि मां शाकम्भरी की धरती त्यागी और बलिदानियों की धरती है। इसके अलावा सहारनपुर के काष्ठ कला उद्येाग ने भी विश्व पटल पर अपनी पहचान बनायी हुयी है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीनतम संस्कृति व इतिहास है। सहारनपुर का संबंध भी सिन्धू हडपप्पा संस्कृति से रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक काल में प्राकृतिक चिकित्सा से अनेक लोग लाभ उठा रहे है। साधारण से साधारण व्यक्ति भी बता सकता है कि आहार भी सर्वोत्तम औषधि है। उन्होंने कहा कि अपने परंपरागत मोटे अनाज का सेवन कर बीमारियों से बचा जा सकता है। हमारा शरीर से पंचतत्व से बना हुआ है, इसलिए बीमारियों को भी इन्हीं पंच तत्वों से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का कंदमूल व फल आहार आधुनिक चिकित्सा की कसौटी पर भी खरा उतरा है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों द्वारा प्रकृति का संरक्षण करने का काम किया जाता है, हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। निवर्तमान राष्ट्रपति श्री कोंविद ने सहारनपुर से जुड़े अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि उनका सहारनपुर से पुराना नाता रहा है। उन्होंने प्रकृति के साथ सामंजस्य रखने का भी आह्वान किया। इससे पूर्व प्रकृति कुंज के संस्थापक आचार्य राजेन्द्र अटल ने प्रकृति कुंज के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से जुड़े अपने संस्मरण सुनाये तथा उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास राज्यमंत्री जसवंत सैनी, कैराना लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी, पूर्व सांसद राघव लखन पाल शर्मा, पूर्व विधायक लाजकृष्ण गांधी, पूर्व विधायक शशि बाला पुंडीर, पूर्व विधायक डॉ.मामचंद लाम्बा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, पार्षद सुधीर पंवार, इमरान अंसारी, वरूण अग्रवाल, विदुषी अग्रवाल, कर्नल विनोद कुमार समेत सैंकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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