अवधनामा संवाददाता
सुल्तानपुर ।इसौली के समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद ताहिर खा का विवादों से पुराना नाता है। पशु बाजार को लेकर सुर्खियों में चल रहा है विधायक पूर्व में कबूतर बाजी के मामले में भी चर्चित हो चुके हैं।तीन माह तक चले बगैर लाइसेंस के चले पशु बाजार का मामला अब उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है। विधायक मोहम्मद ताहिर खा आये दिन विवादों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं।कभी सपा में होते हुए यह भूल जाते हैं कि वह किस पार्टी में हैं। अपने बयानों में वे बसपा शासनकाल की कई बार उपलब्धियां बिना चुके हैं। जिसके वीडियो भी वायरल हुए हैं हालांकि इसे जबान फिसलना माना जा सकता है। 2022 में वह मामूली अंतर से चुनाव जीतकर इसौली के विधायक हुए हैं ।इससे पूर्व 2004 में वह हाथी पर सवार होकर संसद तक भी पहुंच चुके हैं। सांसद रहने के दौरान श्री खा और उनके प्रतिनिधि राजनाथ सिंह का नाम अनाधिकृत रूप से इंसानों को विदेश पहुंचाने अर्थात कबूतर बाजी को लेकर चर्चा में आया था। जिस पर उस दौरान काफी हो हल्ला भी मचा।उसके कुछ वर्ष बाद धनपतगंज क्षेत्र में चंद्र भद्र सिंह सोनू और यश भद्र सिंह मोनू से उनकी भिड़ंत हुई थी। जिसके बाद उन्हें जेल भी काटनी पड़ी। जिसके बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अमहट में उनके समर्थन में एक रैली भी की थी। विधायक बनने के कुछ महीनों बाद एक महिला द्वारा उन्हें धमकी देने का भी मामला सामने आ चुका है। ताजा विवाद उनके आवास के निकट वर्षों से लगने वाले पशु बाजार को लेकर हैं। वर्ष 2022 के आखिरी महीने में प्रशासन ने छापा मारकर बाजार बंद करवा दिया था। बाज़ार का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया था। कुछ दिनों तक बाजार नहीं लगा। लेकिन टिनसेड आड़ लेकर बाजार फिर लगने लगा ।जिसके बाद एक पखवारे पूर्व दोबारा छापा पड़ा। प्रशासन ने बंद करवा दिया, जिसके बाद विधायक ने प्रशासनिक अफसरों पर घूसखोरी के आरोप आरोप लगाए और आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया। इस पूरे मामले में विधायक के साथ-साथ जिला पंचायत के जिम्मेदारों की भूमिका भी संदिग्ध हो उठी है ,क्योंकि तीन माह तक बगैर लाइसेंस के पशु बाजार कैसे संचालित होता रहा? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। छापे के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह ने कहा था कि बगैर लाइसेंस के पशु बाजार चलने के संबंध में संबंधित कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अब विधायक पशु बाजार के मामले को लेकर उच्च न्यायालय तक पहुंच चुके हैं जिस पर हाईकोर्ट ने जिला पंचायत से स्पष्टीकरण मांगा है ।इस संबंध में अपर मुख्य अधिकारी हरिओमनारायण ने कोई भी टिप्पणी से इनकार किया।उन्होंने कहा कि मामला उच्च न्यायालय में है अभी वे कोई भी जानकारी नहीं दे सकते।