अवधनामा संवाददाता
वित्तीय घोटाले के साथ साथ निर्माण की गुणवत्ता भी संदिग्ध~
बालू की जगह मिट्टी का किया गया प्रयोग निर्माण कार्यों मे ~
बाँदा जिला चिकित्सालय मे इन दिनों छोटे बडे कई निर्माण कार्य संचालित हैं , जिनमें बडे ठेकेदारों द्वारा काम लेकर स्थानीय ठेकेदारों से कार्य कराया जा रहा है जिससे निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है ।
अभी तीन सौ बेडों वाले नवीन भवन का प्रारम्भ नही हुआ है परंतु इसकी साज सज्जा के नाम पर करोडों का खेल हो गया है , वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक इससे पहले भी चित्रकूट और बाँदा मे रह चुके हैं जिससे इनके व्यक्तिगत सम्बंध कुछ ठेकेदारो से हो गये जिनका निजी फायदा कराने के लिये इन्होने सरकारी नियम कानून को किनारे करके अपने साथी ठेकेदारो को हर कार्य मे रखकर अपना निजी हित साधना प्रारम्भ कर दिया जिससे ठेकेदारों ने भी जमकर लूटपाट की और निर्माण कार्यों मे बालू की जगह मिट्टी कंकड युक्त बजरू लगाकर कार्य निर्माण कार्यों को गति दी ।
बात चाहे सिविल निर्माण की हो , या कोई भी खरीददारी की इनके चहेते ठेकेदार हर कार्यों मे शामिल हैं ।
गंदगी और बदबू से निकलना भी मुश्किल है , बाहर से दवायें मंगाने के कई मामले मीडिया मे प्रमुखता से छपते रहे है परंतु सीएमएस महोदय की जिंदादिली कहेगे कि मीडिया और सरकार दोनो को गुमराह करके अपना काम करते रहते हैं ।
जनसूचनाओं का जवाब भी नही देते हैं — मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की कार्यशैली मे लापरवाही के साथ साथ हठधर्मिता भी दिखायी देती है , जनसूचनाओं और मीडिया के सवालों का जवाब देना भी जरूरी नही समझते हैं और एक ही धुन लगाये रहते है कि हमारा रिटायरमेंट है जनवरी में , हमको क्या करना है जवाब देकर !