उत्तरी इराक़ में आतंकियों के ख़िलाफ़ बड़ी कार्यवाही हुयी, जिसमें कम से कम 3 सुरंगें और 11 ठिकाने तबाह हुए।इराक़ी मीडिया ने उत्तरी प्रांत सलाहुद्दीन में शनिवार को आतंकवादी गुट दाइश के 11 ठिकानें और 3 सुरंगें तबाह होने की सूचना दी है।
तस्नीम न्यूज़ के मुताबिक़, इराक़ी सेना, पुलिस और स्वयंसेवी बल हशदुश्शाबी की “जीत का संकल्प” नामक संयुक्त कार्यवाही में इन ठिकानों व सुरंगों का पता लगाकर ध्वस्त किया गया।
इराक़ी फ़ोर्सेज़ ने पिछले शिनवार को अंबार और सलाहुद्दीन प्रांतों में एक कार्यवाही के दौरान दाइश के कई ठिकानों और सुरंगों को तबाह किया था।
इराक़ में तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश की हार के बावजूद, अभी भी इस गुट के कुछ सदस्य इस देश के विभिन्न इलाक़ों में मौजूद हैं जो छिटपुट आतंकवादी हमले करते हैं।
दाइश ने 2014 में अमरीका और उसके पश्चिमी व अरब घटकों ख़ास तौर पर सऊदी अरब की सैन्य व पैसों की मदद से इराक़ पर हमला किया और इस देश के उत्तरी और पश्चिमी भाग के बड़े इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर वहां ऐसे घिनौने अपराध किए, जिनके बारे में सुनकर इंसानियत का सिर शर्म से झुक जाए। इसके बाद इराक़ सरकार ने ईरान से आतंकियों के ख़िलाफ़ संघर्ष में मदद की अपील की थी।
ईरान की ओर से सैन्य सलाहकार के रूप में मदद से इराक़ी फ़ोर्सेज़ 17 नवंबर 2017 को देश के अंबार प्रांत में दाइश के अंतिम गढ़ रावा शहर को आज़ाद कराने में सफल हुयीं। इस शहर की आज़ादी के साथ ही इराक़ में दाइश का काम ख़त्म हो गया।
यह संगठन इराक़ के वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी के फ़त्वे पर गठित हुआ और 2016 में इराक़ी संसद ने इसे इराक़ के सशस्त्र बल में शामिल किया।