उरई (जालौन)।जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयल (ऑयलसीड्स) योजना के तहत गठित समितियों की महत्वपूर्ण बैठक कर संबंधित अधिकारियों को योजना के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।जिलाधिकारी ने योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी अधिकारियों को समर्पण और टीमवर्क के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
उप कृषि निदेशक एस के उत्तम ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह मिशन भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 2025 से 2026-31 तक के लिए स्वीकृत किया गया है। इसका उद्देश्य तिलहनी फसलों जैसे तिल, मूँगफली, सोयावीन, राई/सरसों और अलसी के उत्पादन को बढ़ावा देना है, ताकि किसानों को तिलहन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके और भारत की आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता कम की जा सके।नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयल योजना के तहत कई प्रमुख कार्यों की योजना बनाई गई है, जिसमें प्रमुख तिलहन फसलों के लिए कलस्टर प्रदर्शन, उन्नत बीजों की उपलब्धता बढ़ाना और बाजार तक किसानों की पहुंच को मजबूत करना शामिल है।
इसके अलावा, हर कलस्टर और ब्लॉक में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य किया गया है, जिससे फसल की उर्वरता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। यह मिशन कृषकों को उन्नत बीज, नई तकनीक और बेहतर उत्पादन पद्धतियों के माध्यम से तिलहन उत्पादन में वृद्धि करने का अवसर प्रदान करेगा। इसके लिए जिले में 30 तिल फसल कलस्टर बनाए गए हैं और सोयाबीन ब्लॉक के लिए 700 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, उप कृषि निदेशक एस के उत्तम, और डीएचओ प्रशांत निरंजन समेत अन्य संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।