सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा-निर्देश तथा जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्धार्थनगर के आदेश के क्रम में गुरुवार को शैलेन्द्र नाथ, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा श्रम प्रवर्तन अधिकारी के समन्वय से गरीबी उन्मूलन, श्रम कानून व श्रमिकों के परिवार के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाओं की जानकारी तथा प्रवासी मजदूरों के सम्बन्ध में जानकारी दिये जाने हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन मेसर्स शाह फैसल ब्रिक फील्ड बर्डपुर ( ईंट भटठा) सिद्धार्थनगर में किया गया।
मेसर्स शाह फैसल ब्रिक फील्ड बर्डपुर में आयोजित विशेष जागरूकता शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेन्द्र नाथ, श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री उज्जवल त्रिपाठी तथा भटठा पर काम करने वाले श्रमिक उपस्थित रहे।
शिविर को संबोधित करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेन्द्र नाथ द्वारा उपस्थित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों एवं श्रमिकों को कानूनी एवं निःशुल्क विधिक सहायता से संबंधित जानकारी दी गई और उन्हें उनके अधिकारों की जानकरी देते हुए बताया गया कि देश की उन्नति समृद्धि खुशहाली में श्रमिको का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है। भारत में असंगठित क्षेत्र का महत्व न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक स्थिरता में भी महत्वपूर्ण है। अनुच्छेद 39A राज्य को यह निर्देश देता है कि वह न्याय तक समान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करे। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना करता है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों सहित कमजोर वर्गों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना इसका उद्देश्य है। मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936 मजदूरों को समय पर वेतन दिलाने का प्रावधान करता है। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान करता है। न्यूनतम मजदूरी और समय पर वेतन सुनिश्चित करता है। लोक अदालतें कम लागत और शीघ्र न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उज्जवल त्रिपाठी श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा यह जानकारी दी गयी कि सभी श्रमिकों को श्रम कार्ड अवश्य बनवा लेना चाहिए, जिससे उन्हें विभागीय योजनाओं का भी लाभ आसानी से मिल सके तथा विभागीय योजनाओं जैसे-श्रमिक पंजीकरण योजना, उत्तर प्रदेश श्रमिक स्वास्थ्य बीमा योजना, साइकिल सहायता योजना, कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री महिला निर्माण श्रमिक सम्मान योजना एवं निर्माण श्रमिक पंजीयन हेतु पात्रता आवश्यक अभिलेख एवं प्रक्रिया के सम्बन्ध में निम्न जानकारी दी गयी। स-निर्माण श्रमिक एक साथ अधिकतम 03 वर्ष का अंशदान रूपये 60/- जमा कर सकते है। अंशदान जमा न होने पर कोई हितलाभ देय नहीं होगा।
साथ ही पंजीकृत श्रमिकों का श्रम कार्ड होने पर रू० 1000/- मासिक पेंशन मिलेगा व जिन भी श्रमिकों के श्रम कार्ड होंगे उन्हें 02 बच्चों की पैदाइश होने के समय लडका होने पर रू० 20000/- तथा लडकी होने पर रूपये 25000/- एकमुश्त मिलेंगे एवं श्रमिक के बच्चों की स्कूली शिक्षा, स्नातक, परास्नातक एवं पी०एच०डी० स्तर तक के शिक्षा हेतु सरकार द्वारा श्रमिकों के खाते में पैसे दिये जायेंगे तथा कार्यस्थल पर किसी भी दुर्घटना होने पर मृत्यु की स्थिति में मु० 525000/- रूपये एवं सामान्य मृत्यु होने पर मु० 225000/- रूपये प्रदान किये जायेगे।