अवधनामा संवाददाता
लखनऊ : सफ़वातुल उलेमा आक़ाए शरीयत मौलाना सैय्यद कल्बे आबिद ताबा सराह की बरसी के मौक़े पर हौज़ा-ए-इल्मिया हज़रत दिलदार अली ग़ुफ़रानमॉब में मजलिसे अज़ा का इनेक़ाद अमल में आया जिसको मदरसे के प्रिंसिपल मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने ख़िताब किया। मजलिस का आग़ाज़ तिलावते क़ुरआने मजीद से हुआ और उसके बाद मौलाना रज़ा हैदर ज़ैदी ने मजलिस को ख़िताब करते हुए आक़ाए शरीयत मौलाना सैय्यद कल्बे आबिद ताबा सराह की ज़िन्दगी और ख़िदमात पर विस्तार से गुफ्तुगू की। मजलिस में हौज़ा-ए-इल्मिया हज़रत दिलदार अली ग़ुफ़रानमॉब के शिक्षकों और छात्रों ने शिरकत की। ज्ञात रहे 13 दिसंबर 1986 को मौलाना सैय्यद कल्बे आबिद की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। वो इत्तेहाद बैनुल मुसलेमीन के समर्थक थे यही वजह है कि उनके जनाज़े में अहले तशय्यो के साथ अहले सुन्नत वल जमाअत ने बड़ी तादाद में शिरकत की थी। अहले सुन्नत वल जमाअत ने उनकी अलग नमाज़े जनाज़ा पढ़ कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी।