पीएमआई को HSBC India Manufacturing Purchasing Managers Index कहा जाता है। ये SP Global द्वारा संकलित की जाती है। पीएमआई इंडेक्स 50 अंक से कम होना आर्थिक स्थिति में गिरावट की ओर इशारा करता है। वहीं अगर ये 50 से ज्यादा है तो इसमें वृद्धि हुई है। आज पीएमआई में कई देशों के मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के आर्थिक स्थिति का पता चला है जिनमें से एक भारत भी है।
आज यानी 2 मई शुक्रवार को पीएमआई इंडेक्स के आंकड़े सामने आए है। जो साफ तौर पर ये दर्शाते है कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में विकास हुआ है। अप्रैल 2025 के आए आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग उद्योग का विकास दर पिछले 10 महीनों में सबसे ज्यादा रहा है। जबकि कंपनी ने पिछले 11 सालों से सेलिंग प्राइस में लगातार वृद्धि कर रही है।
क्या रहा अप्रैल 2025 का PMI Index?
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2025 का पीएमआई इंडेक्स 58.2 अंक रहा है, जो मार्च 2025 के मुकाबले थोड़ा ज्यादा है। मार्च 2025 में मैन्युफैक्चरिंग उद्योग का पीएमआई इंडेक्स 58.1 रहा है। हालांकि पहले ये अनुमान लगाया जा रहा था कि अप्रैल 2025 में पीएमआई इंडेक्स 58.4 तक पहुंच जाएगा।
क्यों हुई मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में वृद्धि?
HSBC के भारतीय अर्थशास्त्री का कहना है कि अप्रैल के महीने में निर्यात में अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली है। वहीं उत्पादन में भी बढ़ोतरी आई है। जिसकी वजह से ही मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में विकास देखने को मिला है।
मैन्युफैक्चरिंग में होने वाला उत्पाद जून 2024 से अब तक सबसे हाईएस्ट रहा है। वहीं निर्यात के ऑर्डर में पिछले 14 सालों में दूसरी बार सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है। हालांकि जनवरी में गिरावट देखने को मिली थी। वहीं इस सर्वे ने बताया की पूरे विश्व में ब्रिकी की डिमांड बढ़ी है।
इसके साथ ही कंपनी ने मार्च के मुकाबले Permanent और Temporary दोनों तरीके के कर्मचारियों के नियुक्ति में ग्रोथ आई है।
क्या होता है PMI Index?
पीएमआई इंडेक्स को पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स कहा जाता है। ये मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हो रहे विकास को मापने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। इसके जरिए आप किसी देश की अर्थव्यवस्था का भी आकलन कर सकते हैं। ये कई अलग-अलग तथ्यों को देखकर निर्धारित की जाती है।
(Reuters के इनपुट के साथ)