भारत के विदेश मंत्रालय ने ईरान की चाबहार बंदरगाह से आर्थिक लेन-देन विस्तृत करने की आवश्यकता पर बल दिया है।इरना की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय विदेश मंत्रालय ने संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय कंपनी “इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल” ने दिसम्बर 2018 से दक्षिणी ईरान की चाबहार बंदरगाह से माल लाने और ले जाने का काम शुरू किया है और उसने अब तक पूरी सफलता के साथ इस बंदरगाह से पांच लाख टन सामान लाने और ले जाने का काम किया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि चाबहार बंदरगाह के विस्तार का पहला चरण तेहरान व नई दिल्ली के सहयोग से जारी है। रिपोर्ट में अमरीका के प्रतिबंधों और चाबहार पोर्ट को इससे अलग रखने के बारे में कहा गया है कि भारत ने इस बारे में अमरीका से बातचीत की और उसने प्रतिबंधों से इस बंदरगाह को अलग रखा है।
ज्ञात रहे कि भारत सरकार ने अपने नए साल के बजट में चाबहार बंदरगाह के लिए जो बजट विशेष किया है वह पिछले साल की तुलना में दुगना है। ईरान की चाबहार बंदरगाह के लिए भारत की सरकार ने विदेश मंत्रालय को लगभग डेढ़ करोड़ डाॅलर का बजट विशेष किया है। मई 2016 में ईरान के राष्ट्रपति डाॅक्टर हसन रूहानी, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी की उपस्थिति में चाबहार से ट्रांज़िट के त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। यह बंदरगाह भारत को मध्य एशिया व अफ़ग़ानिस्तान से जोड़ती है।