भारतीय परम्पराओं का पर्यावरण संरक्षण से पुराना नाता’ – ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि

0
258

अवधनामा संवाददाता
 

जागरूकता कार्यक्रम में दिलाई गई जल संरक्षण की शपथ
केवीके और एनवाईके का संयुक्त कार्यक्रम।

जयसिंहपुर,सुलतानपुर। ‘ भारतीय परम्पराओं का पर्यावरण संरक्षण से पुराना नाता है। प्रकृति के साथ संतुलन बना के चलने का महत्वपूर्ण संस्कार भारत में प्राचीन काल से ही है । यदि हमारी सनातन परंपराएं न होतीं तो भारत की स्थिति भी पर्यावरण के गहरे संकट का सामना कर रहे किसी पश्चिमी देश की तरह होती। ‘ यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं।
वह शनिवार को मैरी रंजीत गांव के नथईपुर पुरवे में कृषि विज्ञान केन्द्र व नेहरू युवा केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
विशिष्ट अतिथि कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.ए.के.सिंह ने कहा कि हमें विरासत के साथ विकास का सिद्धांत अपनाना होगा ।पुरानी पीढ़ी का सम्मान और अनुभव ही हमें आगे बढ़ायेगा ।
एस पी मिश्र ने किसानी की परंपरागत तकनीक बताते हुए कहा कि पुरानी कृषि तकनीक की तरफ फिर से लोग लौट रहे हैं।
नेहरू युवा केन्द्र के कार्यक्रम एवं लेखा पर्यवेक्षक दिनेश मणि ओझा ने पर्यावरण के लिए जीवन शैली अभियान और मोटा अनाज की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी।
चित्रांक जैन ने बताया कि किसान मधुर आर्गेनिक बायो कैप्सूल का उपयोग करके खेती को रासायनिक खादों से मुक्त कर अपनी लागत काफी कम सकते हैं ।
संचालन एन वाई के स्वयं सेवक आशुतोष मिश्र ने किया।
मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने संगोष्ठी में उपस्थित लोगों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। कार्यक्रम संयोजन हेतु किसान पूर्णमासी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अतुल कुमार, गंगाराम यादव , राम करन यादव आदि उपस्थित रहे।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here