प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का आरोपित यासिन भटकल ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर कस्टडी पेरोल देने की अनुमति मांगी है। पटियाला हाउस कोर्ट भटकल की याचिका पर कल यानि 24 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
आज दिल्ली पुलिस इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकी, जिसके बाद कोर्ट ने 24 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। भटकल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। भटकल ने अपनी याचिका में बीमार मां को देखने के लिए कस्टडी पेरोल की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि भटकल की मां की हाल ही में हार्ट की सर्जरी हुई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 अप्रैल 2023 को भटकल समेत 11 आरोपितों के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के मामले में आरोप तय किया था। कोर्ट ने कहा था कि आरोपितों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने कहा था कि यासिन भटकल की चैट से सूरत में बम धमाके की योजना के बारे में खुलासा होता है। चैट से पता चलता है कि ब्लास्ट से पहले वहां से मुस्लिमों को हटाने की योजना भी बनाई गई थी। यासिन भटकल न केवल एक बड़ी साजिश में शामिल था बल्कि आईईडी को बनाने में भी सहायता की थी। इंडियन मुजाहिद्दीन ने भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों की भर्ती की, जिसके लिए पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ स्लीपर सेल का सहयोग लिया गया। वो भारत में प्रमुख स्थानों विशेषकर दिल्ली में बम विस्फोटों द्वारा आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहते थे।
कोर्ट ने भटकल, अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सैयद, ओबैद उर रहमान, असदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जिया उर रहमान के खिलाफ आरोप तय किए, जबकि मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दीबप्पा को आरोप मुक्त कर दिया। दरअसल, एनआईए ने 2012 में इंडियन मुजाहिद्दीन के पूर्व सह संस्थापक यासिन भटकल समेत कई लोगों पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत कई मामलों में केस दर्ज किया था।