अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। भारतीय शिक्षण मंडल की बैठक जिला मुख्यालय स्थित एक विद्यालय में आयोजित की गई। बैठक में सभी मंडलों के पालक अधिकारी नियुक्त किए गए। बैठक में सदस्यता पर चर्चा की गई सभी पदाधिकारियों से सदस्यता बढ़ाने की अपील की गई। सभी मंडलों में फरवरी माह में बैठकें आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया। अगली बैठक झूमर नाथ मंदिर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में संगठन की विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए सह प्रांत प्रचार प्रमुख कानपुर मनोज तिवारी ने भारतीय शिक्षण मंडल की संकल्पना को बताया। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता है कि हम अपनी पुरातन संस्कृति जो दुनिया में सिरमौर थी विश्व गुरु के पद पर हमारी शिक्षा को माना जाता था। आज हम उससे विमुख हो गए हैं। इसलिए हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंनेेेे कहा कि संस्कारित शिक्षा सारी समस्याओं की कुंजी है जब तक हम अपनी संस्कार युक्त पुरातन शिक्षा पद्धति से नहीं जुड़ोगे तब तक किसी विशेष परिवर्तन की उम्मीद नहीं की जा सकती है। हम जब तक एकत्व की भावना से नहीं जुड़ेंगे तब तक हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते जिस प्रकार पूरे ब्रह्मांड को साथ लिए बिना एक परमाणु भी गति नहीं कर सकता उसी तरह हम सारी दुनिया में एकता भाईचारे के भाव को पैदा किये बिना अपनेे लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते इसके लिए एकजुटता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति से परिवार, परिवार से समाज, समाज से राष्ट्र, राष्ट्र से सृष्टि तथा सृष्टि से परमेष्ठी को ही प्राप्त किया जा सकता है। इसकेेे लिए हमें अपनी वर्तमान शिक्षा पद्धति में सुधार करने की आवश्यकताा है जिसे हम भारतीय शिक्षण मंडल के माध्यम से प्राप्त करेंगे। अन्य वक्ताओं मे नगर अध्यक्ष राजेंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, करुणाकर शर्मा, विवेक, जितेंद्र वेद ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रत्येक मंडल में फरवरी माह में बैठकें आयोजित की जाएंगी। जिसके लिए सभी मंडलों के पालक अधिकारी नियुक्तत किए गए अगली बैठक झुमरनाथ मंदिर मेंं आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में हृदय नारायण उपाध्याय, जिला अध्यक्ष सुरेश प्रकाश, भजन लाल विश्वकर्मा, बालकृष्ण नामदेव, ओम प्रकाश राजपूत, करुनाकर शर्माा, जितेंद्र बैैद्य, नरेंद्र सिंह, प्रेेेम शंकर तिवारी, प्रियंका सहरिया, रामपकाश शर्मा, अनुज भार्गव सहित जिला कार्यकारिणी समिति के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।