ब्रिटिश कार से लेकर स्कॉच व्हिस्की तक खरीद सकेंगे सस्ते में,
नई दिल्ली। अब आप ब्रिटिश कार से लेकर वाइन तक सस्ते में खरीद सकेंगे। इस साल दिवाली से पहले भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने की पूरी संभावना है। इस समझौते से भारतीय गारमेंट से लेकर कई लेदर उत्पाद, कार्पेट, कार, समुद्री उत्पाद, आम, अंगूर और कई अन्य कृषि उत्पादों की बिक्री ब्रिटेन में बढ़ेगी।
एफटीए के तहत दोनों देश एक-दूसरे के यहां से आने वाले सामान पर लगने वाले शुल्क को कम करेंगे या उसे पूरी तरह से समाप्त कर देंगे। गत वित्त वर्ष 2022-23 में भारत और ब्रिटेन के बीच 20 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार किया गया। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, समझौते के तहत भारत ब्रिटेन से आने वाले ऑटोमोबाइल्स और स्कॉच व्हिस्की पर शुल्क कम करने के लिए राजी हो गया है। अभी ब्रिटेन से आने वाली 1500 सीसी की कारों पर बेसिक सीमा शुल्क 100 प्रतिशत है और अन्य प्रकार के सेस व शुल्क को मिलाकर कुल शुल्क 240 प्रतिशत का होता है।
बेसिक सीमा शुल्क को 50 प्रतिशत करने पर सहमति बनी
सूत्रों के मुताबिक, बेसिक सीमा शुल्क को 50 प्रतिशत करने पर कमोबेश सहमति बन गई है। वहीं 1500 सीसी से कम क्षमता वाली कार को ब्रिटेन से मंगाने पर अभी 60 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है जिसे 30 प्रतिशत करने पर सहमति बन गई है। ऐसा होने पर ब्रिटेन की जगुआर लैंड रोवर, रोल्स रॉयस, बेंटले और ऑस्टन मार्टिन जैसी कारें कम कीमत पर भारत में उपलब्ध होंगी।
अभी ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की पर 150 प्रतिशत सीमा शुल्क
इसी तरह ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की पर अभी 150 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है जिसे एफटीए के तहत 50 प्रतिशत तक किया जा सकता है। कनफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेविरेज कंपनीज के महानिदेशक विनोद गिरी ने बताया कि हमें ब्रिटिश स्कॉच के लिए भारतीय दरवाजें खोलने पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन ब्रिटेन को भी भारतीय व्हिस्की के लिए अपने दरवाजे खोलने चाहिए।
ब्रिटेन के बाजार में ये चीजें सस्ती हो जाएंगी
ब्रिटेन कहता है कि तीन साल में परिपक्व होने वाली व्हिस्की को ही हम ब्रिटेन में बेच सकते हैं, जबकि परिपक्व होने के लिए तीन साल तक व्हिस्की को छोड़ने पर 10 प्रतिशत से अधिक व्हिस्की वाष्प बन कर उड़ जाती है। एफटीए होने से भारतीय गारमेंट, फुटवियर, कार्पेट, कार व कृषि उत्पादों को ब्रिटेन भेजने पर कम या शून्य शुल्क लगेगा जिससे ब्रिटेन के बाजार में ये चीजें सस्ती हो जाएंगी और उनकी बिक्री बढ़ेगी। इससे इन वस्तुओं का निर्यात बढ़ेगा।
इस महीने के आखिर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारत आ रहे हैं और उनके भारत प्रवास के दौरान एफटीए पर अंतिम मुहर लग सकती है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल के मुताबिक, दोनों देशों के बीच एफटीए वार्ता काफी एडवांस चरण में है। अधिकतर मुद्दों पर सहमति बन गई है या फिर उन पर बात चल रही है। व्यापक असहमति वाले मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए उच्च स्तरीय रूप से काम चल रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने ब्रिटेन में 11.41 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात किया भारत में वित्त वर्ष 2022-23 में ब्रिटेन से 8.9 अरब डॉलर का निर्यात किया।