अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यह गलत और गैर-जरूरी है।
अमेरिकी आयोग ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन विधेयक गलत दिशा में एक खतरनाक मोड़ की तरह है। यह भारत की सेक्युलर और बहुलतावादी संस्कृति के खिलाफ है। इसके अलावा यह भारत के संविधान के भी विपरीत है, जो हर सभी को उनके धर्म से इतर समानता का अधिकार देता है।’
USCIRF के बयान को खारिज करते हुए MEA ने कहा, ‘अमेरिकी आयोग ने जो कहा है, उसके पिछले इतिहास को देखते हुए वह आश्चर्यजनक नहीं लगता। हालांकि यह दुखद है कि उसके अपने पूर्वाग्रह के आधार पर ही अपनी बात कही।
उन्हें पूरे मामले की थोड़ी ही जानकारी है। इसके अलावा वह कोई ऐसा पक्ष नहीं है, जिसकी बात को कोई महत्व दिया जाए।’