आइसीडब्ल्यू के महोत्सव के तहत हुआ आयोजन
अवधनामा संवाददाता
अयोध्या । (Ayodhya) संयुक्तराष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन और पर्यटन मंत्रालय के अतुल्य भारत के सहयोग से इंडिया सिटी वाक ने चल रहे महोत्सव के तहत अयोध्या में पहली हेरिटेज वाक आयोजित की। हेरिटेज वाक नगरी के दक्षिण स्थित प्राचीन मनुमनि कुंड से प्रारंभ होकर पौराणिक महत्व के सीता कुंड पर जाकर समाप्त हुई। इंडिया सिटी वाक की लीडर डॉ. दिव्या शुक्ला ने बताया कि वाक का उद्देश्य नगरी के प्रतिष्ठित प्राचीन महत्व के स्थानों और विलुप्त हो रही धरोहरों व उनके महत्व से लोगों को परिचित कराना है। अयोध्या की विरासत से साक्षात्कार करने के लिए सुबह छह बजे पुरातात्विक मनुमनि कुंड पर वाक में शामिल सभी लोग एकत्र हुए। दल के सदस्यों का मनुमनि कुंड से परिचय कराया गया। डॉ. शुक्ला ने बताया कि मनुमनि कुंड की स्थापना भगवान राम के पूर्वज महाराज मनु ने सृष्टि के आरंभ में ही की थी। तिलोदकी गंगा तिल के समान श्याम जल होने के कारण इसका नाम तिलोदकी गंगा पड़ा। गणेश कुंड में भगवान गणेश की पूजा अर्चना का विधान है। शीश पैगंबर मजार हजरत आदम के बेटे हजरत पीर की मजार है, जो अत्यंत प्राचीन है। मणि पर्वत हनुमान जी द्वारा ले जाए जा रहे संजीवनी बूटी पर्वत का एक खंड है, जो लगभग 65 फीट ऊंचा और अति प्राचीन है। सदस्यों ने गणेश कुंड के दक्षिण में स्थित जंगल का भी अवलोकन किया। विद्या कुंड एक ऐसा स्थल है जहां स्नान कर विद्या देवी के दर्शन व पूजन का विधान है। अग्नि कुंड में यज्ञ वेदी पर विधि पूर्वक यज्ञ करने का विधान था और सीता कुंड की स्थापना स्वयं सीता जी ने की थी। यही पर किसी समय अशोक वाटिका भी स्थापित थी। यह अयोध्या के सबसे विशाल कुंडों में शुमार है। वाक के दौरान इन सभी स्थलों के महत्व व उसकी पौराणिकता पर प्रकाश डाला गया।
Also read