एस.एन.वर्मा
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भाजपा प्रवक्ताओं के अटपटे बोल ने विदेश में काफी परेशानी पैदा कर दी है। विरोध करने वाले देश बढ़ते जा रहे है। यहां तक की संयुुक्त राष्ट्र ने भी नसीहत दी है। लगभग 16 देशों ने विरोध दर्ज कराया है। इरान, इराक, कुवैत, कतर, साऊदी अरब, ओमान, ईरान, यूएई, जाईन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, इन्डोनिशया, मलेशिया और पाकिस्तान खाडी देश जो भारत के हितो के लिये अहमियत रखते है और जिनसे मोदी ने अपने कार्यकाल में बहुत अच्छे सम्बन्ध स्थापित कर लिये है उन्होंने भी असहमति जतायी है। खाडी के देश है साऊदी अरब, कतर, इरान, इराक, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान जार्डन, यमन।
खाडी देशों में 89 लाख भारतीय रहते है। भारत से वहां गये कामगारों की संख्या मिला दी जाय तो यह गिनती 1.34 करोड़ के करीब आती है। भारतीयों की सबसे अधिक आबादी यूएई मे है। खाडी देशों में भारतीय बड़े बड़े रीटेल स्टोर और होटल रेस्टोरन्ट चलाते है। प्रवक्ताओं के इस वक्तव्य को लेकर वहां इतना रोष फैला हुआ है कि सोशल मीडिया पर भारतीय सामानों के बहिष्कार की बात चलने लगी है। कुवैत सहित कुछ देशों में तो भारतीय सामानों का बहिष्कार होने भी लगा है।
इन देशो की जनसंख्या में भारतीयों का प्रतिशत इस प्रकार है। यूएई में 34.6, साऊदी अरब में 7.5, कुवैत में 24.1, ओमान में 15.3, कतर में 25.9, बहरीन में 19.2, जोर्डन में 02. इराक में 0.4, लेबनान में 0.1 है। जाहिर है भारतीयों की बड़ी संख्या इन देशों में है वहां टिके हुये है। इन देशों से भारी विदेशी पूंजी भारत आती है। दुनिया भर से भारतीय हर साल 80 अरब डालर भारत में जाते है। इसमें आधी विदेशी पंूजी खाडी के महज़ पांच देशों से आती है। इसमें यूएई की हिस्सेदारी 26.9 प्रतिशत साऊदी अरब की 11.6 प्रतिशत कतर से 65 प्रतिशत, कुवैत से 5.5 प्रतिशत, ओमान से 3.1 विदेशी पंूजी भारत को मिलती है।
भारत के लिये खाड़ी मुल्कों की अहमियत आपसी हितों के लेकर बहुत महत्वपूर्ण है। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल बाहर से मंगता है। भारत को रोजाना 50 लाख बैरल तेल की जरूरत है। इसमें से 60 प्रतिशत तेल खाडी देशो से आता है। भारत को दो प्रतिशत तेल ईरान से मिलता है। 2021-22 में मारते ने 42 देशो से कच्चा तेल खरीदा। भारत के लिये गैस का बड़ा सप्लायर कतर है।
भारत खाडी सहयोग परिषद भारत के प्रमुख कारोबारी के रूप में उभरा है। इस परिषद में साऊदी अरब, ओमान, कतर कुवैत, बहरीन और यूएई जैसे देश शामिल है। 2021-22 में यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा टेªड पार्टनर रहा। 2019-20 में भारत अपने कुल निर्यात का 9.2 प्रतिशत हिस्सा यूएई को निर्यात किया। साऊदी अरब चौथा सबसे बड़ा टेªड पार्टनर है जिसे दो प्रतिशत निर्यात हुआ।
ऐसा नहीं है कि खाड़ी देशों कीक अहमियत केवल भारत के लिये ही है। खाडी देशों के हित भी भारत से जुड़े हुये है। अन्तरराष्ट्रीय व्यापार का सिद्धान्त तो आपसी हितों के लेकर ही बनता है और पनपता है। यूएई के बीच व्यापार 72.9 लाख डालर तक का था। इसमें भारतीय निर्यात का हिस्सा 28.4 लाख डालर का था। साल 2026 तक दोनो देशो के बीच कुल टेªड 100 अरब डालर तक पहुचने की उम्मीद है। खाडी देश खाने पीने की चीजो के लिये भारत पर निर्भर है। इन देशों को 85 प्रतिशत फूड और 93 प्रतिशत अनाज भारत से जाता है। खाडी केएवीयेशन सेक्टर के लिये भारतीय यात्री अहम साधन है।
खाडी देशो के साथ व्यापारिक सम्बन्ध तो रहे ही है, उनके साथ सांस्कृतिक सम्बन्ध भी बहुत पहले से मजबूत रहे है। अतीत के इतिहास में झांक तो पायेगे 2000 ईसा पूर्व से ही खाडी के दिल्मन सभ्यता का भारत के साथ बहुत घनिष्ट सांस्कृतिक और व्यापारिक सम्बन्ध रहा है। सर्वेक्षणों से पता चलता है सिन्घु घाटी सभ्यता के समय से ही भारत का खाडी देशों से करीबी सम्बन्ध रहे है।
इसलिये भारत खाडी देशो से अपने सम्बन्ध खराब नहीं करना चाहता मोदी सरकार ने अपने शासन काल में इन देशों अच्छा सम्बन्ध बना रक्खा है। पैगम्बर टिप्पणी को लेकर इन देशों में रोष है। इसे इस्लाम पर हमला बता रहे है। सरकार ने डैमेज कन्ट्रोल की दिशा में कई काम किये है और कर रही है। सरकार ने ऐसे 38 लोगो को शिनाख्त किया है जो अटपटे बोल बोलते रहते है। उन्हें कडी चेतावनी जारी की है। विदेश विभाग त्वरित गति से खाडी देशों की गलतफहमियां दूर करने में लगा हुआ है। मोदी के वक्तव्य ने की हम सभी धर्मो का सम्मान करते है, सभी धर्मो के पूजनीयों का सम्मान करते है लोगो को भारत का सही नज़रिया समझा रहा है और उन्हे शान्त भी कर रहा है। कुछ देश भारत द्वारा की गई कार्यवाई की प्रशंसा कर रहे है। अब कुछ कट्टर इस्लामी देश है वही अपने लोगो को भड़काने में लगे हुये है। पर वे तो कबसे लगे हुये है उनका यही काम है इससे लोग वाकिफ भी है।
भाजपा को हिन्दुत्व राष्ट्रवादी भावना फैलाने वाली पार्टी कहा जाता है। पर मोदी ने साऊदी अरब, यूएई, बहरीन जैसे देशों से अच्छे सम्बन्ध बना लिये है। भारत ने जब अनुच्छेद 370 हटाया था तब इन देशो की प्रक्रिया बहुत शान्त रही।
कुछ खाडी देश और कुछ अन्य देश जो भारत पर इस्लाम को लेकर आरोप लगा रहे है वे चीन में हो रही मुसलमानो की दुर्दशा पर एक शब्द भी नहीं कहते है। वहां उन्हें इस्लाम पर हमला नही लगता है। वे चुप क्यो है। भारत ने एक जिम्मेदार लोकतन्त्र की भूमिका निभाते हुये सही कदम उठा कर सबकी जिज्ञासा शान्त कर दी है। कुछ गड़े मुर्दा उखाड़ने में लगे है वो उनकी आदत है। अपने देश में वे अल्पसंख्यको से कैसा वर्तताव करते है दुनियां देख रही है।