Wednesday, May 14, 2025
spot_img
Homekhushinagarकुशीनगर में दलों पर भारी पड़ रहे निर्दल

कुशीनगर में दलों पर भारी पड़ रहे निर्दल

अवधनामा संवाददाता

भाजपा उम्मीदवार के लिए बड़ा कठिन है, डगर पनघट का

कुशीनगर। नगर निकाय चुनाव को लेकर जनपद का तापमान गर्म है। भाजपा में कहीं अन्दरूनी कलह दिख रहा है तो कही स्थानीय स्तर पर भाजपा उम्मीदवार के चयन को लेकर आम जनमानस से लगायत कार्यकर्ताओं में आक्रोश पूरे शबाब पर है। यह बात दीगर है कि तमाम विरोध का सामना करते हुए उम्मीदवार विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे है, जिसे वोटर खूब समझ रहे है।

बात करे जनपद के सबसे पुरानी नगर पालिका परिषद पडरौना की तो यहा निर्दलीय प्रत्याशी ने सत्ता दल के उम्मीदवार की नींद उडा कर रख दी है। इसके पीछे वजह यह है कि पडरौना अनारक्षित सीट पर पार्टी द्वारा सामान्य व अनुसूचित वर्ग की उपेक्षा किये जाने के कारण न सिर्फ भाजपाई विशेष कर सामान्य वर्ग के लोग खासे नाराज है बल्कि भाजपा के निवर्तमान चेयरमैन व वर्तमान उम्मीदवार के कार्यशैली को लेकर शहरवासियों मे जो आक्रोश व्याप्त है वह कम होने का नाम नही ले रहा है। ऐसे मे भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ रहे निर्दल उम्मीदवार सदाशिव मणि त्रिपाठी सत्तादल के उम्मीदवार विनय जायसवाल के जीत की राह मे रोड़ा बने हुए है। राजनीतिक गलियारों मे इस बात की चर्चा जोरो पर है कि सब कुछ ठीकठाक रहा और परिवर्तन का बयार यू ही चलता रहा तो इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि इस बार पडरौना मे कमल मुर्झा न जाये। पडरौना नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए कुल दस प्रत्याशी चुनावी रणभूमि मे ताल ठोक रहे है। भारतीय जनता पार्टी ने अनारक्षित सीट पर अपने पुराने योद्धा व निवर्तमान अध्यक्ष विनय जायसवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी की उम्मीदवारी के लिए दावा करने वाले जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष लल्लन मिश्र व कांग्रेस से भाजपा में आये राजेश जायसवाल ने तो अपने नामांकन वापस ले लिये लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थकों की जमात रही हिन्दू युवा वाहिनी के पदधिकारी रहे राजन जायसवाल व युवा नेता सदाशिव मणि त्रिपाठी अब भी चुनावी रणभूमि में बडी मजबूती के साथ डटे हुए है और जनता के द्वार पर हाजिरी लगाकर अपने पक्ष मे वोट मांग रहे है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा से टिकट न मिलने के बाद निर्दल चुनावी कुरुक्षेत्र मे उतरे युवा नेता सदाशिव मणि त्रिपाठी का ग्राफ तेजी से बढ रहा है। भारतीय जनता पार्टी से नाराज वोटर सदाशिव को भाजपा उम्मीदवार के विकल्प के रूप मे देख रहे है। यही वजह है कि निर्दलीय प्रत्याशी सदाशिव मणि को न सिर्फ हर वर्ग के लोगों का समर्थन मिला रहा है बल्कि भाजपा उम्मीदवार से नराज वोटर भी सदाशिव के सिर पर जीत का सेहरा बांधने के लिए कंधा से कंधा मिलाकर चल रहे है। शहर के चौक-चौराहे हो या नये परसीमन के तहत जुडे गांव का गलियारा, युवा वर्ग हो या कालेज का छात्र हर तबका पडरौना नगरपालिका मे परिवर्तन का सपना साकार करने के उद्देश्य से एक लक्ष्य सदाशिव अध्यक्ष व एक शिव सदाशिव के नारे साथ अपना आवाज बुलंद कर रहा है। यही स्थिति जिले के सभी नगर पंचायतों में देखने को मिल रही है।

नगर निकाय चुनाव में पडरौना नगर पालिका क्षेत्र में सत्ता दल समेत अन्य राजनीतिक दलों का सिंबल लेकर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को अपने दम पर चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। कहना न होगा कि निर्दलीय प्रत्याशी राजनीतिक दलों के सहारे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों पर बहुत भारी पड़ रहे है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि नगर निकाय के चुनाव में प्रत्याशी की शख्सियत और छवि किसी राजनीतिक दल की तुलना में मतदाताओं के लिए ज्यादा मायने रख रही है।

रोकना होगा हिन्दू-मुस्लिम कार्ड

राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो भाजपा से बगावत कर निर्दल योद्धा को रुप मे चुनावी घमासान में ताल ठोक रहे उम्मीदवार सदाशिव मणि त्रिपाठी इस चुनाव मे भाजपा के विकल्प के रूप मे देखे जा रहे है। इस लिए सदाशिव को भाजपा उम्मीदवार का अंतिम ब्रह्मस्त्र कहे जाने वाला हिन्दू-मुस्लिम ट्रपकार्ड को हर हाल मे रोकना होगा। जानकार कहते है कि अगर भाजपा उम्मीदवार द्वारा खेले गये हिन्दू मुस्लिम खेल को जनता ने मुंहतोड जबाब दे दिया तो पडरौना नगर पालिका द्वारा एक बार फिर से वर्ष 2006 और वर्ष 2012 की इतिहास दोहराने से कोई रोक नही पायेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular